Tuesday, June 17, 2008

बंटी और निम्मो की शादी..



पिछली गली में शोर मचा है
पूरा का पूरा मोहल्ला सज़ा है
रात आज की कुछ अलग लगती है
हर दीवार और खिड़की चमकती है

बच्चे सब गुब्बारो में गुल है
महके हुए आज सारे फूल है
भाभीया लेकर थाल खड़ी है
ख़ुशनुमा सबकी ये चाल बड़ी है

हम भी अचकन डाल के आ गये
नज़रे सबसे संभाल के आ गये
बंटी और निम्मो की शादी जो है
बस्ती की सारे कंगाल भी आ गये

रामलाल के कैफे में और
प्रेमियो वाले गार्डेन में
दोनो ने थी जो कसमे खाई
आज की रात वो पूरी होने आई

लड्डू,बर्फ़ी और गाज़र का हलवा
शीला, सुशीला की बेटियो का जलवा
नाच नाच के सब है मस्त,
मनसुख काका भी पीके पस्त.

सभी ख़ुशी से झूम रहे है
भिखारी भी मज़े से घूम रहे है
सब कुछ सही सलामत है
पर आने वाली एक आफ़त है

ये लो जी वो आ ही गयी
महफ़िल पे मुसीबत छा ही गयी
एक लड़की चिल्लाती हुई आती है
बंटी को अपना पति बताती है

जुते चप्पल और डंडो की बरसात
घूसे मुक्के और पड़ गयी लात
बंटी का बुरा हाल हो गया
पल में बेचारा फटे हाल हो गया..

उज़ड़ी शादी की रंगत,
टूटी खाने वालो की पंगत,
निम्मो कुछ भी समझ ना पाई
माहौल में बड़ी उदासी छाई

वीडियो वाले ने भी मौक़ा ना छोड़ा
क्लोज़ अप करके लिया बंटी का चेहरा
खींचा जो लड़की ने ज़ोर से
उतर गया फिर बंटी का सेहरा

इतने में वो लड़की चिल्लाई
ये किसको मैने लात जमाई
मुझको मेरे सुहाग की कसम
ये कबूतर नही है मेरा ख़सम

बंटी फिर से संभल चुका था
चल गया माहौल जो अभी रुका था
लोग सब खाने में लग गए
महफ़िल को फिर से ज़माने में लग गए

एक ही पल में हो गया सब बँटाधार
बंटी से भर गये न्यूज़ चैनल और अख़बार
इस पर बंटी ने बुरा ना माना
और सबको बताया घटना का विस्तार

आख़िर सब कुछ प्लानिंग से हुआ था
टी आर पी बढ़ गयी चैनल की और
बंटी का हुआ सपना साकार
बन गया वो भी टी वी स्टार..

17 comments:

  1. चैनलों की तो नब्ज़ ही पकड़ ली आपने इस पोस्ट में ! पहले लगा की गुड्डे-गुड्डी के शादी की बात चल रही है पर धीरे-धीरे पता पड़ा की माजरा क्या है... न्यूज़ देखने पर भी तो ऐसा ही होता है आजकल... बस थोड़ा उल्टा होता है ... शुरुआत में लगता है की बहुत सनसनी खेज है और फिर अंत में गुड्डे-गुड्डी भी नहीं निकलते !

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  2. accha vaar kiya hai kushbhai...talvaar par vaar...khub hai...

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  3. सही शब्द चित्रण खीचा है आपने इस रचना में मिडिया का ..:) यही सब होता है ख़ास कर इंडिया टीवी में :)

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  4. लोग फेमस होने के लिए क्या क्या करते है !!!! शुक्र है आप अच्छी सी कविताए ही लिखते है सिर्फ़ :)

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  5. व्यंग्य भी अच्छा लिखते है आप....कमाल है

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  6. achha chitrikaran kiya gaya hai..
    aur nabz bhi pakdi gayi hai news ke business ki...

    likhte rahe...

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  7. बहुत हुसिआर निकला बण्टिआ! हमारी तो सांस ऊपर नीचे कर दिये रहा!

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  8. बंटी भैया यहाँ भी आ गये......

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  9. वाह ! क्या बात है।

    टी.आर. पी .और टी .वी .स्टार क्या खूब खाका खींचा है आपने। :)

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  10. "chain se sona hai to jaag jaao"

    "Gaur se dekhiye is chehre ko..ye kahin aapke aas paas bhi ho sakta hai"

    "Sai baba ki moorti bolne lagi"

    bas yahi ho sagye hain aaj kal ke samachar.jab samachar dekhne chalo yahi sab aate rahte hain.samachaar milte hi nahin.
    aur bumty se yaad aaya-Abhishek bachchan saab ki shaadi par bhi aisa hi kuch drama hua tha.koi jahnvi namak Sukanya pahunch gayee thi swayam ko abhishek ke gandharva vivah wali patni batati hui...aur saare news channels par par poore 24 ghante tak bas yahi samavhar..balki jahnvi ne to press conference bhi bula li (ya bulwa di gayee)...

    sab paison ka khel hai.TRP banwate hain..jhoothi kahaniyon se sab.
    bahut sateek vyangya hai kush

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  11. यहाँ भी टीआरपी बढ़ गई. सही खिंचाई है, जमाये रहिये.

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  12. sahi vishay chuna hai aapn apni kavita ka. sabhi media ke is ravaiye se trast hain.

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  13. उस जमाने में जब अखबारों के पास समाचार का जरिया डाक, तार, टेलीफोन ही था। तो टेबुल न्यूज बनाई जाती थीं। वैसा ही कुछ माजरा है।

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  14. ha ha...bahut badhiya!banti se poochhna use kitne paise diye chaneel walo ne pitne ke liye.

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  15. Great Satire on today's conditions ..keep writing good poetry & prose .
    Regards,
    L

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  16. hahaha bilkul sahi idea nikala hai TRP badhane ka!!!
    achha hai aise hi shadiya hoti rahe / logo ke pet bharte rahe.... nahi shadi ke khane se nahi baba, TRP badhne ke hue promotion se!!
    bahut sundar kavita!!

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  17. ab channel itne hain aur sabko exclusive news chahiye...to woh bechare kya karein.Isiliye aajkal news bhi "manufacutring" industry me aa gaya hai.

    badhiya vyang.

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वो बात कह ही दी जानी चाहिए कि जिसका कहा जाना मुकरर्र है..