Monday, June 30, 2008

फिर फँसे बच्चू!! (यादो की गुल्लक फूटी है)

बात है स्कूल के दिनो की.. फिज़िक्स का प्रेक्टिकल था उस दिन.. आम तौर पर बायो वालो के लिए थोड़ा सा मुश्किल ही होता है फिज़िक्स समझना.. डा.साहब भी सहमत होंगे मुझसे..खैर सर ने पहले ही आकर बता दिया की स्पेक्टरॉमीटर सेट है जाकर के सिर्फ़ रीडिंग ले लेना उसे छेड़ना मत वरना रीडिंग्स चेंज हो जाएगी.. सारी इंस्ट्रकसंस समझा दी गयी.. फिर भी हम पर भोले बाबा का आशीर्वाद जो है.. तो हम भी भोले भले.. जाके छेड़ ही दिया.. बस फिर क्या रीडिंग हो गयी चेंज.. इतने में एक्सटर्नल महाशय आ गये.. मुझसे पूछने लगे ये कैसे सेट करोगे.. मैने जो पता था बता दिया.. वो पास में खड़े होकर बोले करो.. अब हमने आवाज़ लगाई हनुमान जी को (अरे जनाब मन में आवाज़ लगाई थी.. आप भी ना यार) खैर शायद हनुमान जी वही से कही गुज़र रहे होंगे तो उन्होने सुन ली.. सर गये.. इतने में मैने अपने एक दूसरे सर को बुलाया, नाम था अजय सिंह उनको मैने कहा की सर ये ठीक कर दो.. सर ने आकर के ठीक तो किया पर हुआ नही.. रीडिंग सही नही आ रही थी..
थोड़ी देर मशक्कत के बाद वो बोले की रतन सर को बुला लो.. अब रतन सर जो थे वो थे हमारे सीनियर सर उनसे हमे बड़ा डर लगता था.. उनको बुलाया.. आते ही गुस्से में बोले जब मना किया था तो छेड़ा क्यो.. मैने कहा सर मैने थोड़े ही छेड़ा ये तो वो अजय सर छेड़ के चले गये..
बस फिर क्या था.. रतन सर सबके सामने बोले अजय जी आप क्या करते हो यार क्यू छेड़ के गये इसका यू ही टाइम वेस्ट हो गया.. अजय सर की सिट्टी पिट्टी गुम.. वो बोले सर छेड़ा तो इसी ने था.. मैने तो ठीक कर के दिया था..
और सर हमारी तरफ पलटे.. मैने कहा सॉरी सर.. सर जी कहने लगे काफ़ी स्मार्ट हो..
आप भी मान ही गये होंगे की स्मार्ट तो हू...

आगे फिर क्या हुआ सुनिए तो सही.. वाईवा बाकी था.. एक्सटर्नल जनाब कुर्सी पर बैठे थे.. हमसे नाम पूछा उन्होने.. भगवान कसम उस समय माता सरस्वती स्वयं हमारी जीभ पर विराजमान थी हमने अपना पूरा नाम बताया.. वो कुर्सी पर मेंढक की तरह उछल पड़े और बोले वैष्णव हो.. हमें लगा जैसे वैष्णव होना इस धरती का सबसे बड़ा पाप है.. लेकिन खुद को संभाल कर मैने कहा .. यस् सर ..
बस फिर क्या था हमारा टेस्ट शुरू.. पापा क्या करते है.. घर मैं कौन कौन है.. नानाजी का नाम , दादा जी का नाम.. चलो बढ़िया पापाजी को मेरा नमस्ते कहना...
मैने कहा वाईवा ?? वो बोले हो गया, जाओ
हम बजरंग बली की जय बोल के बाहर भाग आए ..

तो ये था हमारा टेस्ट.. आप समझ ही गये होंगे.. की वो सर भी वैष्णव ही थे.. और धन्य हो भारत का जातिवाद, हमारे फिज़िक्स प्रॅक्टिकल मैं 50 मैं से 47 मार्क्स आए थे... लेकिन ये सब सिर्फ़ इसलिए नही हुआ.. की सर वैष्णव थे.. बल्कि इसलिए हुआ.. की हनुमान जी तब भी मेरे आस पास ही थे..

22 comments:

  1. bharat ke zyadatar schools mein aisi cheezein aaj ki taarikh mein hain...humare MAHAN desh ki ek VISHESH baad hai ye...

    ek gehra vyang...bahot badhiya...

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  2. शायद हनुमान जी भी वैष्णव ही रहे होंगे। शायद हम भी हैं या थे। परन्तु नाम से वैष्णव होने का कैसे पता चलता है यह रहस्य भी बताइए। सच में मुझे पता नहीं है।
    घुघूती बासूती

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  3. hehe... hamein bhi aisa hee kuch yaad hai apne chemstry ki viva mein!! hamse to saaf saaf poocha gaya tha ke paas karein ya fail? kyonki hanare chemstry ke sir ki wife ko PHD mein guide karne ke liye hamare mama g ne mana kar diya tha..:D

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  4. ये भी सही है... काश हमें भी मिल गए होते ऐसे एक्सटर्नल :-)

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  5. अरे भैया , छेड़-छाड करने से बाज नहीं आए ! पर बात है सच्ची.मैं अपने ऑफिस में भी देखती हूँ लोग कई काम जाति के सहारे करवाना चाहते हैं

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  6. जय बोलो हनुमान जी की ..अच्छा व्यंग लिखा आपने

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  7. hamare saamne yu awsar nahi aaya ki jaati se madat/nuksaan hua hai..kyunki kisi ko pataa hi nahi chalta..naam se ya surname se..to apna buddhu banaane se behtar log chup ho jaate hai..
    khair..bada mazedaar kissa..
    aapki school life vakai mei bahut interesting rahi hai
    :D :D

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  8. भइया पत्रकार की बिरादरी की शुरुआत ऐसे होती है....
    प्रणाम
    प्रणाम
    कहा काम करते हैं?
    दैनिक जागरण
    नाम क्या है?
    राजेश रोशन
    पूरा नाम?
    सर राजेश रोशन....
    सरनेम नही है....
    नही

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  9. अरे! तो हनुमान जी आप के भी दोस्त हैं?

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  10. badiya vyangya hai...likhte raho--yun hi hansaate raho aur khud bhi hanste raho..

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  11. वाईवा (भाई वाह)।
    जातिवाद व संप्रदायवाद ही तो इस देश को तोड़ रहा है। और इसमें करैले पर नीम चढ़ानेवाली बात है कथनी व करनी में फर्क। इन बुराइयों का विरोध तो सभी करते हैं, लेकिन जब सही दिशा में साहसिक कदम उठाने की बात आती है तो आगा-पीछा सोचने लगते हैं।

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  12. bahut achchaa aur satik vyangya!!!

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  13. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
    जय कपीस तिहु लोक उजागर

    यादों की गुल्लक ऐसे ही फूटती रहे...बहुत बढ़िया पोस्ट.

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  14. Congrats !
    For passing that examination ! :)
    Good account of past memories ..Kush bhai -

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  15. हमारा सर्जरी का एक्साम याद दिला दिया आपने जहाँ लड़कियों से ये पुछा गया अच्छा फलां जगह से हो....वहां का तो ये मशहूर है ......ये कपड़ा कहाँ से लिया ?अरे तुम्हारे शहर का तो एक गुंडा है न ......क्या नाम है उसका......ओर जब हमारा नंबर आया तो साला शर्ट के कालर भी झांक कर नही देखे इतना बजाया हमें की पूछिए मत......ओर फ़िर स्त्रिया आरक्षण की बात करती है.....

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  16. चलिए इसी बहाने भौतिकी का वाइवा तो बढ़िया हो गया। बिहार में तो आलम ये है कि लोग कॉलेज में कुमार या कुमारी से ही काम चला लेते हैं, ताकि viva में बाहर से आने वाले अनुमान ही लगाते रह जाएँ।

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  17. बात में बात में बड़ी गहरी चोट मारी है. यही तरीका होता है अपनी बात को मारक बनाने का. बहुत खूब.

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  18. वादों से ढका देश कब भारतवाद अपना पायेगा ?


    श्री हनुमान जी को ब्लागर ईष्ट बनाये जाने का प्रस्ताव रखता हूँ, मैं यहाँ !
    आप अनुमोदन करें, तो बात आगे बढ़ाई जाये !

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  19. achcha yaad dilaya tumne.....abhi abhi delhi se aai hu 15 din pahle.....vaha jab ghum rahi thi to ek baat bahot ajib lagi....civil lines area mein kai jagah par bade bade board lage the....jis par kisi na kisi bade neta ki photo chapi thi...aur likha tha....fala fala samaj ke roshan chirag fala netaji ko badhai.....had to ye padhkar hui.... KUMARI BAHAN MAYAVATI...bich mein shayad kuch main bhul bhi gai ab to.....mayavati bahan hai to hai....uske aage kumari.....taki sari duniya ko pata chale ki ye abhi tak kumari hi hai !!! .... aur jaha bhi board tha kisi ka....pahle unke samaj aur gav ka naam....do pal ke liye to main bhul gai ki main hamare bharat ki RAJDHANI mein ghum rahi hu....itna gussa aaya ki ek ek board ko fad ke fenk du......kash ki logo ke dimag mein jadi hui sankuchit-ta bhi koi paper hoti...main roz fadti......is desh mein jab tak logo ki mansikata ko ujagar karte aise board hai.....tab tak yaha kuch sahi nahi ho sakta...

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  20. so simple so true!!
    hum sabhi isse kahi na kahi takarte hey!!
    :)

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वो बात कह ही दी जानी चाहिए कि जिसका कहा जाना मुकरर्र है..