कुछ बातें दिल की दिल मैं ही रह जाती है ! कुछ दिल से बाहर निकलती है कविता बनकर..... ये शब्द जो गिरते है कलम से.. समा जाते है काग़ज़ की आत्मा में...... ....रहते है........... हमेशा वही बनकर के किसी की चाहत, और उन शब्दो के बीच मिलता है एक सूखा गुलाब....
Friday, June 27, 2008
कॉफी विद कुश के लिए लिख भेजिए आपके सवाल
नमस्कार दोस्तो..
लावण्या जी, नीलिमा जी और अल्पना जी के सुझाव मिले पाठको के सवाल भी 'कॉफी विद कुश' में शामिल करने के लिए.. सबसे पहले तो आपके सुझावो के लिए हार्दिक धन्यवाद.. दरअसल पहले वाले तीन एपिसोड पहले ही बन चुके थे.. मगर अब इसे शुरू किया जा सकता है..
यदि आप भी पूछना चाहते है कोई सवाल हमारे अगले कॉफी विद कुश के मेहमान समीर जी से तो लिख भेजिए अपने सवाल. पर इतना ख्याल रखिए की सवाल अधिकतम पाँच हो सकते है.. कम से कम कितने भी.. सभी सवालो का प्रकाशन आवश्यक नही परंतु बढ़िया सवालो को प्रेषक के नाम के साथ सम्मिलित किया जाएगा.. तो फिर देर किस बात की लिख भेजिए अपने सवाल इस पते पर.. coffeewithkush@gmail.com
साथ ही स्वागत कीजिए ब्लॉग जगत में एक और नये ब्लॉग का नीला आसमान
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maine sujhav ke saath hi likh diya tha ki mera koi prashn nahin hai...dekhen baqi pathak kya puchhna chahte hain..
ReplyDeleteSameer ji se aap ke interview ka hum sab ko intzaar hai...
naya qadam sarahniy hai..
hum bhi alpanaji ke line mein hi hai:):)
ReplyDeleteकुश भाई,
ReplyDeleteये सवाल हैँ - अगर आपने भी इन्हेँ पूछा है तब, कोयी बात नहीँ -
मेरे सुझाव पे ध्यान देने के लिये आपका आभार - & my Q.s are ~~
समीर जी, ,
आप जब अपन जाल घर सजाते हैँ तब साधना भाभी जी से कोयी सलाह लेते हैँ या नहीँ ?
साधना भाभी जी से आपकी पहली मुलाकात कब और कैसे हुई ? :)
- लावण्या
समीर जी से एक छोटी मुलाकात मुंबई में हुई थी, पहली मुलाकात में ही लगा बेहद बेहतर इंसान हैं. मेरे प्रश्न ये हैं:
ReplyDelete१.आप ने अमिताभ बच्चन को देख कर फ्रेंच कट दाढ़ी रखी या अमिताभ ने आप को देख कर?
२.आप की सुडोल काया के लिए जिम्मेदार कौन है? आप, भाभी या वो?
३.आप सोच कर लिखते हैं या लिख कर सोचते हैं?
:)
नीरज
मेरे सवाल
ReplyDelete1:) समीर जी समीर जी न होते तो क्या होते ?
२ :)समीर जी को ख़ुद को एक शब्द में बताये ?
वाह बढ़िया विचार है!
ReplyDelete१ यदि समीर जी को कोई सवाल पूछना होता तो वे क्या पूछते?
२ कवि व लेखक क्यों नहीं बने?
३ क्या ब्लॉग लिखने से पहले अपनी कलम के जादू का उन्हें पता था?
४क्या हिन्दी ब्लॉगिंग आकाश में एक और उड़नतश्तरी के लिए जगह है?
५उनके सदा प्रसन्न रहने का क्या रहस्य है?(हमें लगता है वे चिर प्रसन्ना हैं।)
घुघूती बासूती
समीर जी से मेरा भी एक सवाल है -
ReplyDeleteसमीर माने हवा और उड़नतश्तरी तो है ही हवा में उड़नेवाली तश्तरी। अपने ब्लॉग का नाम उड़नतश्तरी रखते समय कुछ इस तरह का विचार मन में रहा था? या यह साम्य महज संयोग है?
:) पूछिये पूछिये!!
ReplyDeleteयत्र तत्र सर्वत्र,
ReplyDeleteजहाँ जाऊँ, समीर भाई की टिप्पणी पहले से मौज़ूद मिलती है ।
ऎसी सुपरमैनी पहुँच का राज ?
अवश्य ही कोई जुगाड़ है ! कैसे संभव कर पाते हैं ?
मेरा पहला वाला प्रश्न तो अशोक पाँडेय जी ने पूछ ही लिया है ।
Kush Z-category ki surksha ka intezaam kar hi liya hoga tumne :D--udan tashtari jo utaregi tumhare studio mein!!![waise bhi unke dushman bhi TAAK lagaye honge-[tumhare interview ki wajah se zameen par utarenge!
ReplyDeleteab dhyan rakhana....:)
shubh kamnyaen aap dono ko..
ek choti sa hissa har episode ka banaya ja sakta hai...
ReplyDeleteek shabd par sabse pahla khayal..
shabd kuch bhi ho sakte hain...