नमस्कार दोस्तो
'कॉफी विद कुश' के पिछले एपिसोड में आपकी मुलाकात हुई थी ऊडनतश्तरी ब्लॉग के लेखक समीर जी से.. इस बार हम आपको मिलवाने जा रहे है हमारे ही बीच की एक महिला ब्लॉगर से.. जो लगभग कई सारी कम्यूनिटी ब्लॉग्स से जुड़ी हुई है.. और हर ब्लॉग पर सक्रिय रूप से अपना योगदान दे रही है.. जी हा दोस्तो मैं बात कर रहा हू ब्लॉग 'कुछ मेरी कलम से' की लेखिका रंजना जी (रंजू) से.. तो देखना मत भूलिएगा..
'कॉफी विद कुश' का अगला एपिसोड दिनांक 07 जुलाई सोमवार को..
और हा लिख भेजिए आपके सवाल जो आप रंजना जी (रंजू) से पूछना चाहते है
तब तक के लिए स्वागत कीजिए एक और नये ब्लॉग का "अपनी खबर"
रँजूजी,
ReplyDeleteआपके जीवन की
कोई ऐसी घटना के बारे मेँ बतायेँ
जो सबसे ज्यादा यादगार रही ~
-लावण्या
ब्लॉग जगत की प्रसिद्ध और प्रिय ब्लॉगर से मुलाकात का इंतज़ार रहेगा.मैं पूछना चाहता हूँ की उन्हें लिखने की इतनी ऊर्जा कौन प्रदान करता है?
ReplyDeleteइस बार के जयपुर प्रवास में जो रविवार को समाप्त हो रहा है आप से ना मिल पाने का दुःख है. मेरे पास आपका संपर्क नंबर नहीं था इसी वजह से लोचा हुआ आप मेरा नंबर नोट कर लें और अपना सूचित कर दें ताकि अगली बार ये दूरी कम से कम एक शहर में होने के बावजूद तो ना रहे.
नीरज
My NUMBER: 09860211911
ReplyDeleteकोई ऎसा वाक़या, जो आप भूलना चाहती हों ?
ReplyDeleteकुश दोस्त ये सवाल हो सके तो जरुर पूछना कि इनको किन किन लेखक या फिर किन किन किताबों ने बिगाड़ा?
ReplyDeleteअगर अमृता जिंदगी में ना आयी होती तो क्या तब भी आप ऐसी ही होती ?
ReplyDeleteआप मेरे लिये ही नहीं, सभी के लिये पूछें
ReplyDeleteमुझे किसी ने बताया था कि एक अच्छा रिपोर्टर अच्छा लेखक नहीं हो सकता है। कविता तो उसके बस की ही नहीं है, क्या यह सही है?
मेरा दूसरा सवाल,
क्या यह सच है कि दर्द से गुजर कर ही लेखनी में निखार आता है? दर्द की सिहायी से ही गजल लिखी जाती है?
बाकी अगली बार
Manvinder
रंजू जी से मेरा सवाल है कि ब्लाग जगत को महिलाएं क्या दे रही हैं और महिलाओं को ब्लाग जगत से क्या मिल रहा है।
ReplyDeleteकौन कौन से ब्लॉग पढ़ना नहीं पसंद, जरा दो तीन नाम तो बताईये?? और क्यूँ?
ReplyDeleteहमार सवाल है- १.अगर आपको अपने से कोई एक सवाल पूछना हो तो क्या पूछेंगी?
ReplyDelete२.उस सवाल का संभावित जबाब क्या है?
रंजू जी से मेरा सवाल है :
ReplyDeleteकविता और गजल में कोई एक चुनना हो, तो कविता लिखना पसंद करेंगी अथवा गजल?
सरसरी ही सही कई चीज़ें देख गया .आपकी काविशों और कोशिशों को देख तबियत खुश हो गयी .
ReplyDeleteदुआ यही है ,जोर-कलम और ज्यादा .कभी फ़ुर्सत मिले तो इस लिंक पर भी जाएँ और अपनी कीमती राय से नवाजें .www.shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com और www.hamzabaan.blogspot.com
ब्लॉग मुबारक हो .अल्लाह नज़र-बद से बचाए .आमीन.
इतना पूछ दीजिये...कि जिस भाषा में हम बात करते हैं ,उसी भाषा में साहित्य सृजन करना कहाँ तक तर्क-संगत है ....
ReplyDeleteजीवन में अत्यधिक उतार - चढ़ाव के बावजूद उस शक्ति का रहस्योदघाटन कीजिये जो इतना सम्बल प्रदान करती है कि दिन में औसतन 3-4 भिन्न भिन्न प्रकार के लेख / गीत / नज्म आपकी लेखनी की चर्चिकाओं पर होते हैं..
ReplyDeleteरंजू जी से मेरा सवाल है कि क्या इतना लिखने में समय की कमी आपके आड़े नही आई? अगर आई to आपने उसे कैसे adjest किया?
ReplyDeleteranjana ji.
ReplyDeleteApki sabse priye rachana kaun si hai...mai use padhana chahata hu...
kush bhi kya hal hai
ReplyDeletekya bat hai kush, aajkal bahut busy hain...aap se mulakat hi nahi hoti...hope u'll be fine. take care
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