नमस्कार दोस्तो
सबसे पहले तो आप सबने 'कॉफी विद कुश' को जो आपार स्नेह दिया है उसके लए हार्दिक आभार.. आप सभी के आशीर्वाद से इस सोमवार से कॉफी विद कुश आपको एक नये रूप में दिखेगा.. तो इंतेज़ार करिएगा इस सोमवार का..
पिछले एपिसोड में हमने आपको मिलवाया था लावन्या जी से.. और इस बार फिर हम लेकर आ रहे है एक और जाने माने ब्लॉगर को आपसे मिलवाने जी हा दोस्तो मैं बात कर रहा हू 'नीरज गोस्वामी जी' की.. जो अपनी ग़ज़लो से ब्लॉग जगत में रूमानियत भरते आए है..
आपके सवाल : तो देर किस बात की जल्दी से लिख भेजिए आपके सवाल जो आप पूछना चाहते है नीरज जी से..
असुविधा के लिए खेद है : दो दिन तक आप ब्लॉग कॉफी विद कुश नही देख पाएँगे, आंतरिक साज़ सज्जा हेतु दो दिनों के लिए इस ब्लॉग को निजी रखा गया है.. सोमवार सुबह से आप इसे एक नये रूप में दोबारा देख पाएँगे..
कुश, एक सीट हमारी पहले से बुक करवा दो भाई. सोमवार को हम तुम्हारे ब्लॉग पर ही बैठे रहेंगे...:-)
ReplyDeleteआ पपिया झापिया पाले हम...... एक मेरी सीट भी :)
ReplyDeleteकुश जी....बधाई... आप हमारे साथ परिवर्तन की हवा को ले कर आ रहे हैं...वाह वा... भला इस से अधिक खुशी बात हमारे लिए क्या होगी...उम्मीद है कुश के नए रूप को भी आप के प्रशंशक सर आंखों पर बिठाएंगे.
ReplyDeleteनीरज
कुश जी
ReplyDeleteनीरज जी की गज़लें पढ़ी हैं । आपके सौजन्य से उनके बारे में और जानकारी मिलेगी। प्रतीक्षा रहेगी। सस्नेह
neeraj ji ke baare mein janana accha lagega intjaar hai somwaar ka naye rup ke saath
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteनीरज जी से बातचीत का इंतजार रहेगा।
हम इस बात के बिलकुल विरुद्ध है , जब हमे बुलाया तो पुराने सोफ़े पर बैठाया, अब नया ? ये ज्यादती है हम इसके खिलाफ़ प्रदर्शन करेगे या हमे फ़िर से बुलाया जाय :)
ReplyDeleteहमउ चले पंगेबाज के साथ नारा लगाने...मगर जायें कैसे..मित्र नीरज भाई जो पधार रहे हैं...अगली खेप में चले जायेंगे नारा लगाने. :) इन्तजार है. बैठे हैं दरवाजे पर दरी बिछा कर. दरवाजा खुले और अंदर.
ReplyDeleteएक अ्गली सीट मेरे लिये भी...
ReplyDeleteneeraj ji ke baare mein jaanne ka intzaar rahega....thanks kush
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