Friday, May 30, 2008

ये 'उनके' लिए है ....



बादलो की जो आहट हुई.. मैने
सर उठाकर देखा.. वो
आ गयी.... इतने में एक
बूँद आँखो पर आ गिरी..
उसने कहा बारिश आने
वाली है.. मुझे जाना होगा
मैने जवाब नही दिया..
बस उसे देखता रहा
कुछ इस तरह जैसे आज से
पहले कभी देखा नही..
वो मेरे करीब आई और बोली
क्या हुआ बुद्धूराम.. बोलते
क्यो नही.. मेरे होंठ हिले
और सिर्फ़ इतना कह पाए..
आई लव यू... रूही के कोमल
फाहो जैसी मुस्कुराहट
फैल गयी उसके गालो पे..
अपनी पलको को झुकाकर बोली
आई लव यू 2.. और पलट गयी
मैने पूछा दो कौन?
उसने जवाब नही दिया और
जाने लगी.. मैने चिल्ला कर
पूछा सोना बताओ ना दो कौन ?
उसने जाते हुए पीछे मूड
कर देखा मुस्कुराई और सिर्फ़ इतना बोली..
एक तुम और दूसरे भी तुम..

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16 comments:

  1. dil kholkar rakhna..aasan nahi hota..par aapne itni sachhai se likha hai..ke ham maan gaye ki ye aap ke 'unke' liye hai..padhte hue
    hamare bhi chehre pe muskurahat aayi :-)

    likhte rahe..

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  2. तुम ओर सिर्फ़ तुम.......इस प्यार की भी अलग ही बारिश होती है ना?

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  3. अच्छा लिखा... :)

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  4. :) प्यार की बहुत मासूम कविता ...अच्छी लगी :)

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  5. बहुत बढ़िया...

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  6. कुश जी
    कम से कम टिप्पणी के लिए शब्द तो छोड़ देने थे न!

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  7. आपका यह खयाल बड़ा खूबसूरत लगा.....

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  8. शोख मासूमियत...
    आपके 'उनको' हमारा सलाम.. सिर्फ़ कोरी कल्पना हो तो भी :-)

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  9. kya baat hai...hakeekat ko kavita mein dhaala jaye to sundar hi hoti hai.

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  10. सही है, लिखते रहिये. :)

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  11. आप सभी की स्नेहिल प्रतिक्रियाओ के लिए धन्यवाद.. एक और बात जैसा की मेरे ब्लॉगर मित्रो ने मुझसे फरमाया है.. मैं उन्हे बताना चाहता हू की ये घटना पूर्ण रूप से काल्पनिक है.. वैसे इस पे मेरी खूब टाँग खींची गयी है सबसे.. आशा है आप सभी का प्यार यूही मिलता रहेगा.. आप ही का ब्लॉग है आते रहिए.. वो हमारी मारवाड़ी में कहते है 'पधारो सा'..

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  12. so sweet feeling,pyari si baatein bahut badhai

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  13. जिंदगी भी कल्पनाओं के सहारे ही आगे बढ़ती है मेरे दोस्त.
    बहुत सुंदर.
    बधाई.

    वैसे २ का कोई और मतलब तो नहीं था ना?
    :) :)

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  14. ek khubsurat bayan-e-mulaqat....man ko romani kar diya...

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वो बात कह ही दी जानी चाहिए कि जिसका कहा जाना मुकरर्र है..