13 मई 2008 की शाम को कोई भी जयपुर वासी शायद ही भूल पाएगा.. कल शाम जयपुर शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे पर स्थित हनुमान मंदिर पर पूजा हो रही थी. मंगलवार होने के कारण दर्शनार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे.. आरती होने के बाद प्रसाद वितरण किया जा रहा था की एक जोरदार धमाके ने सबको हिला दिया.. लोगो ने बाहर जाकर देखा तो कुछ ऐसा मंज़र था जो जयपुर के लोगो ने कभी सपने में भी नही सोचा था.. हर तरफ खून और चीत्कार.. ये पहला आतंकी हमला था.. उसके बाद एक एक करके इस तरह के कुल आठ धमाके और हुए.. और देखते ही देखते गुलाबी नगरी लहुलुहान हो गयी.. जिस हनुमान मंदिर में ये विस्फोट हुआ था मैं हर मंगलवार को वहा जाता हू... पर कल शाम आधे रास्ते से पता नही क्या सोचकर घर लौट आया..सोचा थोड़ी देर बाद जाऊँगा.. घर आकर खाना खाने बैठा ही था की मेरी एक मित्र सई का फोन आया. सब कुछ ठीक तो है जयपुर में ब्लास्ट हुआ है... फ़ौरन टीवी ऑन किया तो देखा एक नही कुल पाँच विस्फोट हुए धीरे धीरे धमाको की संख्या बदती रही और करीब आधे घंटे में ये संख्या 9 हो गयी.. चारो तरफ दहशत का माहॉल.. घरवाले और मित्र फोन करने का प्रयास कर रहे थे.. पर मोबाइल नेटवर्क जाम हो चुका था.. रात 8.30 के करीब एक एक करके सारे रेडियो स्टेशन बंद हो गये.. बड़ी मुश्किल से फोन मिल रहा था.. सबसे पहले जोधपुर फोन लगाया घरवालो को खबर की मैं यहा सुरक्षित हू.. वो कब से फोन लगा रहे थे मिल नही रहा था.. मुझसे बात करके उन्हे थोड़ी तस्सली हुई..
सबके फोन आ रहे थे.. मैं बस यही कह रहा था की मैं ठीक हू.. मैं ठीक हू.. पर क्या वाकई.. शारीरिक रूप से तो नही पर हा जो मानसकिक क्षति हुई है वो कैसे ठीक होगी.. जयपुर मेरा अपना शहर है.. पिछले 3 सालो से यहा हू.. अपने आँगन को लहुलुहान देख कर मन विचलित हो गया.. बाहर जा नही पा रहे थे तो न्यूज़ चेनल पर देखते जा रहे थे.. पुराने शहर में रहने वाले दोस्तो से संपर्क करने की कोशिश की तो हो नही पा रहा था.. न्यूज़ चेनल पे लगातार ख़बरे आ रही थी.. करीब अस्सी लोगो के मरने और 150 से भी ज़्यादा लोगो के घायल होने की खबर मिली.. सुबह जब जौहरी बाज़ार में रहने वाले मित्र को फोन किया तो उसने बताया की वो तो कोटा में है पर उनकी माताजी और बहन धमाके के वक़्त जौहरी बाज़ार में ही थी.. और सड़क पार करने की कोशिश कर रही थी. की सामने बम विस्फोट हो गया.. बस तबसे उनकी भी हालत खराब है अपनी आँखो के सामने इस तरह का मंज़र देखकर कोई भी विचलित हो सकता है..
मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर के बाहर धमाको का होना इस बात का संकेत देता है की आतंकवादियो ने सांप्रदायिक दंगे फैलाने के मक़सद से किया था.. मगर जयपुर के जज़्बे ने उनके इन शैतानी मंसूबो पार पानी फेर दिया.. शहर के लोगो ने धर्म मज़हब सब भूलकर पीड़ितो की सहायता पुलिस से कंधे से कंधा मिलकर की.. धमाके के कुछ ही देर बाद कई सव्यमसेवी संगठन और जयपुर के लोग सहयता के लिए आगे आए.. जिन लोगो के परिजनो का पता नही लग रहा था जयपुर शहर के बाशिन्दो ने उन्हे अपना परिजन कह कर अस्पताल पहुँचाया.. मरीज़ की जात पात पूछे बिना उनकी सुश्रुषा में लगे रहे.. कोई किसी की ग्लूकोस की बॉटल पकड़े खड़ा था कोई पट्टी कर रहा था.. कोई कत्रिम स्वान्स दे रहा था..
राजस्थान वीरो की भूमि रहा है. यहा की माटी में ही शौर्य भरा हुआ है.. और एक बार फिर जयपुर के लोगो ने एक साथ होकर आतंकी संगठनो को दिखा दिया है की धमाको से हम हिले ज़रूर है पर हारे नही.. और राजस्थान की जड़े इतनी कमज़ोर नही की चन्द धमाको से डर जाए.. जयपुर के सभी मज़हब के लोगो ने एक साथ मिलकर जो काम किया है वो देशभर के लोगो के लिए एक मिसाल है.. अगर आतंकवाद का ख़ात्मा करना है तो एक जुट होना पड़ेगा.. आतंक फैलाने वाले लोग यही चाहते है की सांप्रदायिक दंगे हो इसीलिए पिछले साल राजस्थान के अजमेर जिले की प्रसिद्ध दरगाह में विस्फोट किया गया था और इस बार निशाना बनाया हिन्दुओ की आस्था को.. लेकिन राजस्थान की जनता ने तब भी अपना धेर्य नही खोया.. एक होकर जवाब दिया.. और 'उन्हे' अपने मंसूबो में कामयाब नही होने दिया..
राजस्थान पुलिस ने सभी शहरवासीयो को सुबह सुबह एस एम एस किया की शांति बनाए रखे जल्द से जल्द इस दुस्साहस करने वालो को पकड़ लिया जाएगा.. हमे हमारी सरकार और पुलिस पर पूरा भरोसा है.. ये राजस्थान की अस्मिता पर हमला था और इसे राजस्थान की जनता बर्दस्त नही करेगी... हम एक होकर इनका सामना करेंगे..
जो भी लोग इस हादसे का शिकार हुए है.. मेरी उनके परिवारजनो से पूरण सहानुभूति है.. भगवान उन्हे इतना संबल प्रदान करे की वो इस दुख से जल्द से जल्द उबर पाए..
"जब कुछ इंसान मर जाते है....
तो बहुत ज़्यादा इंसान मारे जाते है.. "
aapka experience share karne ke liye shukriya..
ReplyDeletesabko hausla de..
hausla rakhe..
likhte rahe..
Bam ke dhamake se jo log desh-samaj ki ekta ki dhajjiyan udana chchte hain..unko muh-tod jawab dijiye...ek hain..ek rahiye.
ReplyDeleteJo chale gaye, unki aatma ko shanti aur jo unke peeche reh gaye, unko bahut si himmat mile...milkar prarthana karein
जयपुर शहर मेरा अपना शहर नहीं होते हुये भी मुझे अपनों सा मान हमेशा मिला है यहां..
ReplyDeleteमेरी सगी दीदी-जीजू यहां रहते हैं सो कई बार यहां आने का मौका मिला है.. जब जीजू पहली बार यहां आये थे(2004 में) तब उन्हें यह शहर इतना अधिक भाया की यहीं के होकर रह गये.. और अपना घर भी यहीं बनाने का फैसला भी उन्होंने कर लिया और आज वे यहीं के परमानेंट बासिंदे हैं..
यहां के मेरे कई ऐसे मित्र हैं जिनसे मुझे बहुत प्यार और अपनापन मिला है.. मैं जब भी जयपुर से लौटता हूं तो सभी मित्रों को कहता हूं की जयपुर मेरा सबसे मनपसंद शहर है, पटना के बाद(वो अपना शहर है सो जैसा भी है सबसे अच्छा लगता है).. कल की घटना के बाद सभी धर्म के लोग जिस तरह मिल कर लोगों कि सहायता के लिये आगे आये उसने मेरी बात को और भी पक्का कर दिया है.. सच कहूं तो मंदिर के आगे बम फोड़कर जिस तरह का अनुमान आतंकवादियों ने लगाया होगा उसे यहां के लोगों ने विफल कर दिया है और मेरे सारे मित्रों के बीच मेरा सर गर्व से ऊंचा भी कर दिया है, जिनके सामने मैं जयपुर के गुण गाता हूं..
हर साल किसी ना किसी शहर पर ये हमले होते हैं और निर्दोष जनता मारी जाती है। समझ नहीं आता इस सिलसिले का कभी अंत होगा भी या नहीं। जयपुर वासी इस दुखद घड़ी में एकजुट हैं ये जानकर खुशी हुई।
ReplyDeleteआतंकवाद का मकसद है समाज को बाँट कर अपना मतलब हल करना, समाज की एकजुटता ही इस का जवाब है।
ReplyDeletedost mere gham mat karo fool jaisa apna dil bhale hi ho seena to faulad ka hai
ReplyDeletelakha muskilein aaye bas ek bar
dharti ke suraaj maharana pratap ko yaad kar lena dar kauson door chala jayega.
say once
har har mahadev
jay jay rana pratap
your friends and a rajasthani from pardesh
shiv
keval ek jut hona aur khamoshi se har vaar seh jaana hi jawab nahi hoga...inka koi mazhab nahi...inka koi iman nahi...ye bas khun se khelna jaante hain...to unhe unhi ke tarike se jawab dena hoga...
ReplyDeleteमजहब के नाम पर लोग मतलब साधते हैं, पर ऐसे लोगो का मुंह तोड़ जवाब यही है कि हम सब साथ रहे... जयपुर जैसे शांतिप्रिय शहर कुछ लोगों से देखा नहीं गया... पर शान्ति और प्रेम ही इसका जवाब है.
ReplyDeleteजब कुछ इंसान मर जाते है....
ReplyDeleteतो बहुत ज़्यादा इंसान मारे जाते है.. "
सारी बत आपने एक लाइन में कह दी..! सब कुछ कैसा पीड़ा दाई होता है वो शब्दों में कहाँ आ पाता है..!
लोग टूट जाते है एक घर बसाने में
वो तरस नही खाते बस्तियाँ जलाने में
हिन्दुओ पर निशाना साध कर जयपुर में धमाका किया गया और हर धमाकों कि तरह यह धमाका सरकार नही पता लगागेगा कौन किया है धमाका।
ReplyDeleteआखिर वोट कि राजनिती में आम जनता कब तक मरती रहेगी। प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह को आखिर हिन्दुस्तान में हुये बम धमाकों पर निंद कैसे आ जाती है। आखिर मुस्लिम तुस्टीकरण में निरीह जनता को कब तक बलि का बकरा सरकार बनालि रहेगी। मुस्लिम तुस्टिकरण का ही नतिजा है कि पोटा जैसा कानुन हटा दिया गया सरकार अफजल को सरकारी दमाद बना कर बिढाये रखा है।
सेकुलर तालिबानियों को ये भी कहने में शर्म नही आयेगी कि बम धमाका हिन्दु मुस्लमान नही देखता है लेकिन क्या ये सच नही है कि हिन्दु बहुल इलाका में RDX बम फटता है और मुसलमानों के मस्जिद में देशी सुतली बम फटता है।
बिलकुल। ऐसे गलत मंसूबों को नाकाम करने के लिए समाज की एकजुटता ही आवश्यक है।
ReplyDelete:( bahut taklif hoti hai aisi ghatnaayen dekhkar... kareeb 2-3 saal pahle Delhi ke Sarojani Nagar market mein bhi jab Bomb Blast huaa thaa to main bhi wahaan uss roz pahunchane waalaa thaa lekin kisi kaaran se office mein hi late ho gayaa aur nahi jaa sakaa. ghar pahunchkar TV on karte hi khabar aani shuru ho gai thi. bahut ajeeb se experiance thaa. main aapki vyathaa samajh saktaa hoon.
ReplyDeleteवाकई आप जैसे लोग जब तक जयपुर मे है ,जयपुर हारेगा नही....शाम को एक ख़बर देखकर दिल भर आया की एक्सज्जन दो ४ साल की बच्चियों को लेकर गरीबो को खाना खिलाने ले गए थे ...फ़िर........
ReplyDeleteपता नही इन आतंकवादियों के सीने मे दिल होता है या नही या इनके परिवार मे लोग होते है या नही ?आप कुशल है जानकर राहत हुई....
कैसी ये इबादत या खुदा तेरे नाम पे
ReplyDeleteकत्ल बन्दो का तेरे, तेरे नाम पे
जो चला था घर से नाम लेके तेरा
हुआ हलाक़ वो शख्स तेरे नाम पे
वो माने हैं शैतान को खुदा, या रब
पर कारनामा ये किया तेरे नाम पे
अब दुआ क्या करूं, तुझसे ऐ खुदा
बेटा मरियम का मरा, तेरे नाम पे
ये नापाक इरादे, ये हवस, ये कुफ्र
सब कुछ चलता है खुदा, तेरे नाम पे
अत्यंत दुखद एवं निन्दनीय घटना.
ReplyDeleteभगवान् मृत आत्माओं को शान्ति दे और उनके घर वालों को इसे सहने की शक्ति दे।
Wonderful
ReplyDeleteसचमुच दिल दहला देने वाली घटना है और बुरे वक्त में ही असली भाईचारे और एकजुटता की भावना सामने आती है! जयपुर हिल सकता है पर हार नहीं सकता!
ReplyDeleteहम बोलते हैं कि हम एकजुट हैं और हमने आतंकवाद का जवाब दे दिया है
ReplyDeleteलेकिन मैं इससे कतई सहमत नही हूँ | अब अगर वो कल को फिर कहीं विस्फोट करेंगे और फिर हम एक दूसरे कि मदद करेंगे तो इसका ये मतलब कतई नही कि हमने आतंकियों का जवाब दे दिया है ....
लातों के भूत बातों से नही मानते और इन हैवानों का कुछ इलाज सोचने कि जरूरत है |
पानी सर से ऊपर जा चुका है और अब कुछ कारगर होना चाहिए |
यह सब हमारे अति उदारवाद का ही परिणाम है |
जिनका कोई अपना चला जाता है वो जिंदगी का मुकाबला करने लायक नही रहता आतंकियों का मुकाबला क्या ख़ाक करेंगे | सरकार ने भी यह सही राग अलापना शुरू कर दिया है कि सब एकजुट हैं एकता को सलाम संघर्ष को सलाम | मैं धिक्कारता हूँ ऐसी सरकार को ऐसी व्यवस्था को |
कुश भाई सही लिखा है आपने
जब कुछ इंसान मर जाते है....
तो बहुत ज़्यादा इंसान मारे जाते है
Thats vs really touche..and ofcourse the incident vs sad..
ReplyDeletePar in sab ke bavzood: Bharat ki ekta aur akandata ko ye log hila nahi payenge..Sabhi aam log ney hi aam log ki madad ki...
aur ye sabeet karta hey ki..bure waqt mey hum sab ek SATTH HEY..
SARA BHARAT EK RAHE< DESH MEY EKA RAHE>>
कुश भाई बहुत दुख हुआ ये सब देखकर। ज़्यादा तकलीफ ये सोचकर भी हुई कि पिछले मंगलवार को मैं यहीं था। और फिर उस बात की कल्पना करना कि जिन गलियों से आप गुज़रे थे किसी ने उसका ये हश्र कर दिया। मैं भी राजस्थान से हूं इसलिए जानता हूं कि राजस्थान के लोगों के लिए ये सब कैसा अनुभव रहा होगा।
ReplyDeleteआपकी बात से बिल्कुल सहमत हैं, राजस्थानी हिल ज़रूर गये है पर डरे और टूटे नही. ईश्वर इन धमाकों में घायल होने वालों को हिम्मत दे और मरने वालों के परिवार वालों को सांत्वना के साथ जीवन जीने की हिम्मत दे. ऐसे वक़्त में ही पता चलता है के हमारे बीच में कितना प्यार है. ज़रूरत के वक़्त में जात पात धरम इन सबसे उपर उठ जाते हैं हम सब. ये ही जज़्बा ज़रूरी है जीने के लिए. आपने हमारे साथ अपने ज़ज्बात बाँटे उसके लिए धन्यवाद. अपना ख़याल रखें और यू ही हमारे साथ अपने ख़याल बाँटते रहें.
ReplyDeleteअजी दिल बहलाने की बात क्यों करते हो ।
ReplyDeleteअच्छी अच्छी बात करके हकीकत नहीं बदल जायेगी ।
आज जयपुर में , कल दिल्ली में परसो बम्बई में फिर कभी न कभी मेरे शहर का नम्बर भी आयेगा
बस बैठे ही हम कबूतर की तरह ऑंख बन्द करके - कि बिल्ली गायब हो गई है ।
yours blog is so nice keep good contents.
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