हैलो
सी एम साहब से बात करनी है..?
हाँ सी एम बोल रहा हू
नमस्कार सी एम साहब.. आपके राज्य में रहने वाली एक लड़की बोल रही हू..
हाँ बोलो क्या काम है?
एक बात पुछनी थी..
हाँ पूछो
अगर कोई आपके घर में ज़बरदस्ती घुस जाए.. ओर आपकी माँ को नंगा कर दे तो?
ये क्या बकवास कर रही हो? कौन हो तुम?
मेरी बात को जवाब दीजिए ना.... अगर वो आपकी माँ का बलात्कार कर दे तो..
तेरी इतनी हिम्मत लोंड़िया.. जानती नही तू किससे बात कर रही है.. खाल खिंचवा दूँगा तेरी..
तो फिर उनकी खाल क्यो नही खिंचवाते.. ???
..
जवाब दीजिये ना..
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टू हेल विद द सिस्टम..
साला कोई भी हरामजादा.. हमारे घर में घुसता है ओर हमे मार के चला जाता है.. क्या हम कुछ नही करेंगे... ?
तुम बेवजह सेंटी हो रही हो रिया.. ऐसा कुछ नही है..
ऐसा ही है वॉट दे थिंक अबाउट देमसेल्फ़.. वो कुछ भी कर सकते है.. क्या ये देश उनके बाप का है?.
प्लीज़ ट्राय एन अंडरस्टॅंड
नो आई कांट .. आई कांट अंडरस्टॅंड.. ऐसे कैसे कोई आ कर किसी को भी मार सकता है.. ब्लडी मदरफकर!
बस रिया.. नाउ स्टॉप.. ये क्या अनप शनाप बोल रही हो..
तो ओर क्या करू.. क्या कुछ नही कर सकते हम?
हम युही मरते रहेंगे क्या राहुल ??
बताओ ना राहुल जवाब दो ना.. तुम तो हर बात जानते हो...
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अरे बेटा! कहाँ जा रहे हो ?
मम्मा मैंने होम वर्क कर लिया, अब बाहर जाके बॉम्ब ब्लास्ट बॉम्ब ब्लास्ट खेल लू ?
बोलो ना मम्मा ...?
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जल्दी से फोन लगा पापा के मोबाइल पर..?
क्या हुआ कुछ बोलता क्यो नही?? बोल ना बेटा.. बोल ना..
जवाब तो दे..
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क्यो मारा तूने बंटी को?
माँ वो कह रहा था.. तेरे पापा शहीद नही है...
..
माँ मैं भी पापा की तरह शहीद बनूंगा..
क्या हुआ माँ.. तुम रो क्यो रही हो.. ? बोलो ना माँ..
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शहीदो की मज़ारो पे लगेंगे हर बरस मेले..
वतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशा होगा
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शहीदो की मज़ारो पे लगेंगे हर बरस मेले..
ReplyDeleteवतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशा होगा
शहीदों को श्रद्धांजलि ! बहुत सामयीक लेख ! रामराम !
"हम युही मरते रहेंगे क्या राहुल ??"
ReplyDelete"बताओ ना राहुल जवाब दो ना.. तुम तो हर बात जानते हो... "
"मम्मी से पूछ कर बताऊँगा...वे कह रही थीं मुझे इन सब मामलों में सोचने की ज़रूरत नहीं है....मुझे केवल पीएम बनने के बारे में सोचना चाहिए."
कुश जी, बहुत ही मर्मस्पर्शी बातें लिखी हैं.
ReplyDeleteतो फिर उनकी खाल क्यो नही खिंचवाते.. ???
ReplyDelete---
अभी वोट बैंक के खाते में बैलेंस देखने का समय है। बैलेंस ठीक रहे तो खाल खींचने के लिये अगले पांच साल में कोशिश की जायेगी।
आपने कभी सोचा है की अमेरिका पे दुबारा हमला करने की हिम्मत क्यों नही हुई इनकी ?अगर सिर्फ़ वही करे जो कल मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा है तो काफ़ी है.....अगर करे तो....
ReplyDeleteफेडरल एजेंसी जिसका काम सिर्फ़ आतंकवादी गतिविधियों को देखना ....टेक्निकली सक्षम लोगो को साथ लाना .रक्षा विशेषग से जुड़े महतवपूर्ण व्यक्तियों को इकठा करना ....ओर उन्हें जिम्मेदारी बांटना ....सिर्फ़ प्रधान मंत्री को रिपोर्ट करना ,उनके काम में कोई अड़चन न डाले कोई नेता ,कोई दल .......
कानून में बदलाव ओर सख्ती की जरुरत .....
किसी नेता ,दल या कोई धार्मिक संघठन अगर कही किसी रूप में आतंकवादियों के समर्थन में कोई ब्यान जारीकर्ता है या गतिविधियों में सलंगन पाया जाए उसे फ़ौरन निरस्त करा जाए ,उस राजनैतिक पार्टी को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए .उनके साथ देश के दुश्मनों सा बर्ताव किया जाये .......इस वाट हम देशवासियों को संयम एकजुटता ओर अपने गुस्से को बरक्ररार रखना है .इस घटना को भूलना नही है....ताकि आम जनता एकजुट होकर देश के दुश्मनों को सबक सिखाये ओर शासन में बैठे लोगो को भी जिम्मेदारी याद दिलाये ....उम्मीद करता हूँ की अब सब नपुंसक नेता अपने दडबो से बाहर निकल कर अपनी जबान बंद रखेगे ....
:-( :-( kuch samajh hi nahi aata ki kya kahu.. kya karu, kya bolu.. salle intezaar kar rahe hai ki kab yeh khtam ho aur aur hum bayanbazi shuru kare :-(
ReplyDeleteगुस्सा और ढेर सारा गुस्सा...... और कुछ भी नहीं कर सकते हम.... आज तक से लेकर सारी न्यूज़ चैनल चिल्ला चिल्ला कर बस न्यूज़ का अपडेट दे रही है.....और अपडेट में क्या है? कितने लोग और मरे...कितने शहीद हुए.....बेवजह.....आज पता चल रहा है...कैसे अंग्रेजो ने हम पर दोसौ साल तक राज किया .... हम आज भी वही है.. जहा थे उस वक्त....कुछ भी नहीं बदला...बस तरीके बदल गए है ......
ReplyDeleteवतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशा होगा...
ReplyDeleteक्या सचमुच?
बहुत कामयाब तरीके से आपने अपना आक्रोश व्यक्त किया है...रोचक लेकिन सोचने पर मजबूर कर देने वाली पोस्ट...
ReplyDeleteनीरज
बहुत ही मर्मस्पर्शी भावनात्मक विचारणीय पोस्ट. .. धन्यवाद. .
ReplyDeleteसब देख कर कुछ कहने का मन नही हो रहा है ...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकुछ सवाल ऐसे क्यों होते हैं, जिनके जवाब नहीं होते
ReplyDeleteदेश के लिए शहीद होने वालों को शत्-शत् नमन
ReplyDeleteबहुत सामयीक लेख
दो दिनो से लगातार देख रहा हूँ आतँकियो की घिनौनी हरकत को,मगर तुम्हारा लिखा पढ कर शायद ज्यादा असर् हुआ है,कब से रोक रखे थे ये आँसू,तुमने उन्हे रास्ता दिखा दिया.खूब लिखो खूब तरक्की करो.
ReplyDeleteबेहद मार्मिक
ReplyDeleteक्या कहे नेता अगर जवाब नही खोज सकते तो हमें दूसरे नेता खोजने होंगे
शहीदों को श्रद्धांजलि
भाई कोई मेरी बहिन या भाई एक ऎसा ही फ़ोन हमारे मनमोहन जी को भी करे, ओर बताये उन की हम सब की मां के साथ क्या हो रहा है, क्यो कि उन्हे यह सब सुनाई नही पडता, ओर बुढापे मे दिखता भी नही, ओर बोलते भी तो गिडगिडा कर है,
ReplyDeletebahut marmik,kuch bolte nahi banta.
ReplyDeleteitna gussa hai ki kaash un atankwadiyon ke saath sab neta bhi maare jaate.....mera ek aur sawal hai yeh sab kab sahi hoga..kya bharat blast ke baad blast main jal kar raakh ho jayega ya fir se kisi desh ki gulami karega...koi tarreka hai jisse hum sab mil kar kuch kar sakein...kuch bhi ho main tayaar hon
ReplyDeleteआज जब हर हिन्दुस्तानी का दिल आत्मा सब छलनी है हर हिन्दुस्तानी जाहे वो वतन से दूर ही क्यूँ न हो नम आँखों से अपने वतन की सलामती की हर लम्हा दुआ कर रहा है ये मेरे दिल की कफियत है और यकीनन यही कफियत मेरे सभी हमवतनों की भी होगी ......दिल जब भी नमाज़ के बाद सजदे में जाता है तो उन जांबाज़की ज़िन्दगी की सलामती की दुआ करता है जो आज देश का गुरुर है ....लेकिन एक सवाल ......... हमारे नेताओ के दिल से हिन्दुस्तानी होने का जज्बा ही क्या ख़तम होगया है ?????????क्या इतने ज़ख्म देख कर भी दर्द नहीं होता ?????????.......... क्यूँ न इन लोगों को भी कमांडो ट्रेनिंग दी जाये की देशप्रेम और उसके लिए मर मिटना क्या होता है शायेद फिर से उसमे हिन्दुस्तानी होने का अहसास जाग जाये
ReplyDeleteबस यही घुटन, यही क्षोब हर दिल में है.
ReplyDeleteशहीदों को श्रद्धांजलि.
shaheedon ko naman aur netaon se ek kaatar prarthana...ab to chet jaaiye, aur kitni maut chahiye saavdhan hone ke liye??
ReplyDeleteबहुत ही मर्मस्पर्शी लिखा है.
ReplyDeleteउत्तरहीन प्रश्न हैं, क्या कहें?
देश के लिए शहीद होने वालों को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि.
kin-kin phluon ko dekahainge kis-kis par nazar rakahainge...
ReplyDeletekya aam aadmi kisi raajneta....
raajniti mei guse us gude ka saamna kar sakta hai....
ek aam aadmi to nahi kar sakta...
aapne sahi kaha wo bahut bhavuk hai to phir aap kaise ummid karoge....
एक दर्पण,दो पहलू और ना जाने कितने नजरिये /एक सिपाही और एक अमर शहीद का दर्पण और एक आवाज
अक्षय,अमर,अमिट है मेरा अस्तित्व वो शहीद मैं हूं
मेरा जीवित कोई अस्तित्व नही पर तेरा जीवन मैं हूं
पर तेरा जीवन मैं हूं
अक्षय-मन
शहीदो की मज़ारो पर भोकेगे हर पाच बरस पे नेता..
ReplyDeleteवतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशा होगा
aag bhare jazbaton ko zaban de di aap ne...aur kya kahun...
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