Wednesday, August 6, 2008

मिश्रा जी से अरुण जी, अरुण जी से कुश - अपना सुदामा

पैसो की तंगी है यही सोच के हम खिड़की में लगे मनी प्लांट में पानी दे रहे थे.. की हमे ऑटो की आवाज़ आई. खिड़की से बाहर मुंडी निकाल के देखा तो अपना सुदामा भागा चला आ रहा था.. अजी वही सुदामा जो गुरु संदीपन से होते हुए मिश्रा जी तक पहुँचा और मिश्रा से होते है अरुण जी तक.. मगर हमारे यहा ये कैसे आया.. हांफते हांफते वो अंदर दाखिल हुआ.. और हमारे पैरो में गिर गया बोला कुश भाई बचाइए... बचा लीजिए.. हमने कहा भई बात क्या हुई? बताओ तो सही ये क्या पांडे जी की माल गाड़ी की तरह भागते ही जा रहे हो.. वो बोला कुश भाई क्या बताऊ ग़लत पंगे में फँस गया.. मैने पूछा क्यो क्या हुआ.. वो बोला क्या बताऊ गुरु जी से परेशान होकर अरुण जी के पास गया था.. वहा उन्होने मेरी हालत पतली कर दी.. इतनी परेशानी तो मुझे गुरुजी के सिलेंडर लाने में भी नही हुई थी.. हमने कहा यार सुदामा ये गोल गोल जलेबी ना बनाओ. जो भी सॉफ सॉफ कहो.. इस बार सुदामा सेनटी हो गेया.. बोला कुश भाई अरुण जी ने मुझ बेचारे पर कितने अत्याचार किए की क्या बताऊ.. अपने सारे ऑफीस के काम करवा लिए.. सुबह सुबह मुझसे कहते की लालजी के यहा से भांग वाला पान ले आ.. अब लालजी की दुकान दस किलोमीटर दूर.. हम कहते की जाएँगे कैसे.. तो स्कूटर की चाबी जेब में डालते हुए कहते की साइकल लेजा बाहर पड़ी होगी.. और वो साइकल भी ऐसी की क्या बताऊ.. दस किलोमीटर में बीस बार तो उसकी चैन उतर जाती.. उनके बच्चो को स्कूल छोड़के आना. बाज़ार से सब्ज़ी लेकर आना.. यहा तक की उन्होने अपनी फटी हुई बनियान भी हमसे धुलवा दी.. ब्राह्मण को धोबी बना डाला कुश भाई..

हालाँकि मैं भी मिश्रा जी के पास रहा हू.. मैने भी उनको बहुत चपत लगाई.. ब्राह्मण हू तो क्या हुआ हिसाब तो बानिए वाला रखता हू.. दो की चीज़ पाँच की बताता क्योंकि मैं जानता था की वो एक रुपया कम ही देंगे.. इस तरह मैने काफ़ी पैसे तो बना लिए.. मगर ये पंगेबाज जो है शक्ल से सीधे है वरना है टेढ़ी चीज़.. हम बोले भाई ऐसा क्या कर दिया.. सुदामा के चेहरे पर पसीना आ गया.. बोला क्या बताऊ कुश भाई मुझे सीख दी उन्होने की गुरुजी के लिए सिलेंडर ले जाओ.. और हमारे लिए एक ऑटो करवाकर हमे उसमे बिठा दिया.. हम तो बड़े प्रसन्न थे की पंगेबाज को लूट के आ गये.. गुरुजी प्रसन्न होंगे.. पर जैसे ही चौराहे से मूड कर आगे नाके पर आए तभी दो पुलिसे वालो ने हमको झेल लिया.. बोला क्या ले जा रहे हो.. हमने कहा जी गैस सिलेंडर है.. उन्होने चेक करके देखा तो पता चला इसमे तो अमोनियम नाइट्रेट है.. इतने बड़े बड़े सिलेंडर देखकर हमे शक़ तो हुआ था मगर हमे लगा बड़े लोगो के सिलेंडर भी बड़े होते होंगे.. पर हम बेचारे सीधे साधे आदमी पंगेबाज की पंगेबाजी समझ नही पाए.. हमने साफ साफ कहा जी ये तो हम पंगेबाज जी के यहा से लाए है.. उन्होने कहा बात करवाओ हमारी.. हमने फोन लगाया तो आवाज़ बदल कर बोले "वो तो अभी बाहर गये है आउट ऑफ इंडिया, एक साप्ताह बाद आएँगे" अब आप ही बताइए कुश भाई का इस बात पर कभी भरोसा किया जा सकता है की पंगेबाज जी जैसे लोग कभी आउट ऑफ इंडिया जा सकते है.. पुलिस वाले ने हमारी एक नही मानी और आठ दस डंडे जड़ दिए हमारी प्राइवेट प्रॉपर्टी पर..

बस जेब में जो भी था वो उनको देकर और एक दिन की मोहलत ली है भला हो उसका जो वो ऑटो हमे दे दिया उसी ऑटो को खड़े खड़े चलाकर लाए है.. हमने पूछा खड़े खड़े क्यो तो सुदामा बोला अजी कहा तो था की प्राइवेट प्रॉपर्टी पर डंडे जमा दिए हा और उन्होने ये भी कहा किसी शरीफ आदमी की सिफारिश लेकर आओगे तो तुम्हे छोड़ेंगे.. अब आप ही बताइए कुश भाई आज की दुनिया में कौन शरीफ है.. किसके पास जाऊ.. किससे मदद की गुहार लगाऊ.. आप ही क्यो नही मेरी सिफारिश कर देते..हम तो गश खा गये सिफारिश और वो भी सुदामा की अजी वो तो पंगेबाज थे जो निकल लए हम तो इसके चक्कर में फँस जाएँगे,. हमे कहा अजी हमसे ज़्यादा तो दूसरे शरीफ लोग और है.. उनको पकड़ो.. सुदामा बोला लेकिन वो कौन है.. हमने कहा सोफे पर बैठो बताता हू आराम से. .वो बोला जी अभी तो सोफे पे नही बैठ सकता.. आप वैसे ही बता दीजिए.. हमने कहा ज़रूर बताऊँगा उन शरीफो के नाम लेकिन अपनी अगली पोस्ट में..

17 comments:

  1. लेकिन सुदामा तब तक खड़ा रहेगा क्या, बैठेगा नहीं...। अगली पोस्ट के इंतजार में।

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  2. अरे कुश भाई फ़ौरन दफ़ा करो इस नालायक को. ये मेरे यहा से सिलेंडर लेजाकर काकेश जी को बेच आया, साथ मे उनसे एक चूल्हा भी उधारी खरीदवा कर ले आया. अब आपको फ़ास रहा है डेखते नही कि स्कूटर की चाबी जेब मे डालकर साईकल पर जाने लगता है . जबकी हमारे यहा केवल एक अदद मोटरसाईकल है जिसकी हालत इसने टूती साईकल से बदतर करदी थी.बच्चे हमारे स्कूल स्कूल बस से जाते है,भांग का पान कही मेरे भाइ तुमने तो नही खा लिया ? सबसे पहले तुम हमारा आटॊ भिजवाओ .हमने तो उसकी पुलिस मे एफ़ आई आर भी लिखवा दी है. कही तुम्हारे पास बरामद हुआ तो हम कुछ नही कर पायेगे. फ़िर आप जानो सुदामा जाने और पुलिस ,फ़िर आप दोनो की प्राईवेट प्रापर्टी ्के साथ पुलिस क्या सलूक करती है हमे मत बताना :)

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  3. अब मैंने किसी ब्लॉगर के पास नहीं जाऊंगा. जिस भी ब्लॉगर के पास गया सभी ने मेरी बातें लिखकर सबको बता दिया. हर ब्लॉगर के ऊपर से मेरा विश्वास उठा गया है. आज मैंने प्रतिज्ञा की है कि अब से मैं केवल साहित्यकारों के पास जाया करूंगा. पहले तो वे सार्वजनिक रूप से कुछ लिखेंगे नहीं. और किसी कवि या साहित्यकार ने लिख भी दिया तो उनका लिखा जनता की समझ में ही नहीं आएगा.

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  4. जब तक आप अगली पोस्ट लिखेंगे तब तक बेचारा सुदामा खड़ा रहेगा की कब आप नाम बताते हैं...जनाब कुछ तो तरस खाइए उस पर....अब ज़रा लिख दूँ की की ज़बरदस्त तरीके से लिखी है ये पोस्ट, सच मज़ा आगया....बड़ी बेसब्री से हम भी खड़े हैं इंतज़ार में.....बैठने तो आप देंगे नही...

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  5. वो बोला जी अभी तो सोफे पे नही बैठ सकता.. आप वैसे ही बता दीजिए.. हमने कहा ज़रूर बताऊँगा उन शरीफो के नाम लेकिन अपनी अगली पोस्ट में..
    कुश जी आप भले अगली पोस्ट में शरीफो के नाम गिनवाईये ...मैं आप को तब तक अपनी बदमाशी का सर्टिफिकेट भेज देता हूँ....ताकि सनद रहे और वक्त पर काम आए...
    ( "मुझे उस लिस्ट से बाहर रखा जाए"...ये धमकी आप को इसलिए दे रहा हूँ ताकि आप को मेरी बदमाशी पर संदेह ना रहे)
    नीरज

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  6. मुबारक हो कुश...सुदामा की मेजबानी मुबारक हो.

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  7. itta badhiya likha hai ki dimag ka dahi kar diya tanney...ab sudama ko samjhney ke liye bahut saari pichli post padhni padengi :( :(

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  8. कल बॉर्डर पर पकड़ा गया ....पर लगता है पुलिस वालो को रकम देकर छूटकर आपके पास आ गया ...सुदामा जी .साहित्यकारों पर यकीन मत करिए .खुशवंत सिंह जी ने तो अपने आस पास के ढेरो लोगो को पिला पिला कर उनके किस्सों से किताबे छापी है....
    वैसे कुश .....मुनीश बाबू नाराज हो जायेंगे तुमसे......समझ रहे हो ना मै क्या कह रहा हूँ.......

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  9. कुश जी के लिए मारे गए गुलफाम!! ...
    @anurag jee डॉ साब नेकदिल मोहतरमा को पता चला तो आपकी तो हो गई वाह भाई वाह

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  10. सुदामा भाई तुम बेकार मे ब्लॉगर से नारज हो रहे हो,सभी एक से नही अब देखो तुम ने मुझे कुश की घडी, ग्यान जी का सिलेण्डर.अरुण जी का स्कुटर बेचा , मेने कभी चरचा किया, ओर कल की बात तो मेने किसी को बाती ही नही जब तुम कल बॉर्डर पर पकडे गये तो वहां डा० अनुराग का नाम ले कर छुट गये थे,चलो अब तुम्हरी मरजी,
    एक दिन यही वपिस आओ गे सुदामा

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  11. लगता है सुदामा का अगला पड़ाव जर्मनी में भाटिया जी के यहाँ होने वाला है। पर इस के पहले पासपोर्ट वीजा और एयर-टिकट की व्यवस्था सुदामा करेगा कैसे?
    देखते हैं किस ब्लागर को पकड़ता है?

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  12. वो सुदामा सही खबर लाया है-पंगेबाज कनाडा आ गये हैं हमारे पास. अब आप लोग जानो सुदामा को..पंगेबाज तो बच निकले. ब्राह्मण बालक है, उसे खाना वाना तो खिलाओ भाई..जब खड़े खड़े आटो चला लाया तो खड़े खड़े खाना भी खा लेगा.

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  13. अरे सुदामा
    कन्हाई तक कब पहुँचेँगे ?
    हिन्दी ब्लोगरोँ मेँ उलझे हैँ
    और वहाँ मिसिज सुदामा
    राह देखते
    व्याकुल हो रही हैँ ;-)
    -लावण्या

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  14. सुदामा को थोड़े दिन हमारे पास भेज दो...हम ट्रेनिंग दे देंगे उसे!फिर उसे डंडे नहीं खाने पड़ेंगे!ये सुदामा अगली बार खड़े खड़े ऑटो चलाये तो हमें भी बता देना!हमने किसी को देखा नहीं ऐसे ऑटो चलते :)

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  15. ab kathit sharif aadmiyo ka naam jaanne ka intezaar rahega

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  16. Wah..wah
    ब्लाग टिप्पणीकारों की दुनिया में नया हूं
    कईं चरित्रों को जानता भी नहीं
    पर आलेख व टिप्पणीयां पढ़ी तो मज़ा आया

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  17. पंगेबाज ने सिलिण्डर तो गलत ही दिये थे। अब पंगेबाज को सीधे मुंह पर बोल कौन पंगा ले! :-)

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वो बात कह ही दी जानी चाहिए कि जिसका कहा जाना मुकरर्र है..