सलीम जावेद की जोड़ी ने हमें कई डाय्लोग्स दिए है.. जिसमे खास तौर पर शोले और दिवार .. याद कीजिये..
-------------------------------------------------------------------------
आज की बात करे तो मुझे गुलाल.. कमीने .. लक आदि फिल्मो के डाय्लोग्स पसंद आये है.. फिल्म गुलाल के डायलोग अनुराग कश्यप ने लिखे है और कमीने के विशाल भारद्वाज ने.. फिल्म गुलाल में एक किरदार पृथ्वी बना को जब घर से भागते हुए पकड़ा जाता है तो वो कहते है कि रास्ता भूल गया था.. और फिर से कहते है कि इस घर में मैं अकेला ही रास्ता नहीं भूला हूँ..
फिल्म कमीने में जब किरदार गुड्डू प्रियंका चोपड़ा से कहता है कि मेरे पास कंडोम नहीं है तो प्रियंका कहती है.. वैसे भी हमारे बीच कोई तीसरा आये मुझे पसंद नहीं है.. फिल्म में चार्ली स को फ बोलता है संवाद में वो कुछ ऐसे कहता है…
चार्ली : मैं फ को फ बोलता हूँ..
भोपे : अबे फ को फ नहीं तो क्या ल बोलेगा..
ज़रा याद कीजिये गुलाल के कुछ डाय्लोग्स..
दो दशक पहले के डाय्लोग्स और आज के डाय्लोग्स बदल गए है.. किरदार बदल गए है.. ब्लैक एंड व्हाईट कुछ भी नहीं रहा.. सब कुछ ग्रे शेड में हो गया है.. फिर भी कुछ डाय्लोग्स है जो हमेशा ऐसे ही याद किये जाने वाले है.. ऐसे में एवरग्रीन हिंदी फिल्मो के किरदारों के डाय्लोग्स है जो ऑरकुट पर किसी कम्युनिटी में मिले थे..
-------------------------------------------------------------------------
हीरो -
* तेरे सामने तेरी मौत खड़ी है कुत्ते!!
* तुम्हारे लिए मेरी जान भी हाज़िर है!
* अपने आदमियों से कहो की बंदूकें फेंक दे!
* दुनिया की कोई ताक़त हमे जुदा नही कर सकती!
* मेरे होते हुए तुम्हारा कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता!
* माँ, मुझे आशीर्वाद दे!
* पुलिस मेरे पीछे लगी हुई है!
* खबरदार जो उसे हाथ भी लगाया!
* मेरी माँ बहुत बीमार है..
* जब तब अपने बाप के खून का बदला नही ले लेता, चैन से नही बैठूँगा!!
-------------------------------------------------------------------------
हिरोईन -
* भगवान के लिए मुझे छोड़ दो!
* हटो. तुम बड़े वो हो !
* नहीं!
* मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकती!
* प्यार करना कोई गुनाह नहीं!
* कुछ गूंडे मेरे पीछे पड़े है!
* कोई देख लेगा!
* मैने तुम्हे क्या समझा, और तुम क्या निकले!
* तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?
* आज तुम नही आते तो पता नही क्या हो जाता!!
* मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हू!
-------------------------------------------------------------------------
बहन
* मेरे भैया को लंबी उमर देना, भगवान!
* मेरे भाई पे कोई आँच ना आए!
* खबरदार जो मुझे छूआ भी, मैं अपनी जान दे दूँगी!
* भय्या.. तुम तो बस मेरे लिए एक प्यारी सी भाभी ले आओ ..
* भगवान के लिए, मेरा सुहाग मत उजाडो..
* भगवान के लिए मुझे छोड़ दो..
* मैं किसी को मुंह दिखाने लायक ना रही..
* दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो..
* ये आप मुझे कहाँ ले जा रहे है..
-------------------------------------------------------------------------
विलेन
* अब सारे हिन्दुस्तान पर हमारा राज़ होगा!
* बताओ फार्मूला कहाँ है?
* तुम्हारी माँ हमारे क़ब्ज़े मैं है!
* ये सौदा तुम्हे बहुत महंगा पड़ेगा
* इन गोरी गोरी कलाईयों को काम करने की क्या ज़रूरत है!
* यहाँ तेरी इज़्ज़त बचाने कोई नही आएगा!
* बुला तेरे भगवान को– देखता हूँ कौन आता है?
* गद्दारी की एक ही सज़ा होती है, मौत!
* उसकी कोई तो कमज़ोरी होगी, कोई माँ या बहन?
-------------------------------------------------------------------------
डॉक्टर
* आई एम सॉरी!
* इन्हें दवा कि नहीं दुआ की जरुरत है..
* इसका तो बहुत खून बह चुका है. फॉरेन ऑपरेशन करना पड़ेगा!
* भगवान ने चाहा तो सब ठीक होगा!
* बधाई हो, तुम बाप बनने वाले हो!
* इसकी हालत बहुत नाजुक है!
* अरे! इसे तो तेज़ बुखार है!
* अब सब कुछ ऊपर वाले के हाथ में हैं!
* 24 घंटे तक होश नही आया तो….
* बच्चे को तो हमने बचा लिया पर माँ को नहीं बचा सके..
-------------------------------------------------------------------------
पिता
* एक बार इसके हाथ पीले कर दू, फिर में चैन से मर सकता हू!
* इस घर के दरवाज़े, तुम्हारे लिए हमेशा के लिए बंद है!
* वॉच मैन ! इसे धक्के मारकर बाहर निकाल दो!
* तुम खुद दो वक़्त की रोटी नही खा सकते, मेरी बेटी को क्या खिलाओगे?
* मेरे जीतेज़ी ये शादी नहीं हो सकती!
* मेरी बेटी से प्यार करने से पहले अपनी औकात और हमारी हैसियत तो देखी होती
* मैं जल्द ही दहेज़ की सारी रकम चुका दूँगा!
* यह आप क्या कह रहें है, भाई साहिब!
* गाड़ी रोको ड्राइवर!
* मैं कहता हूँ, दूर हो जा मेरी नजरो से ..
-------------------------------------------------------------------------
माँ
* ये कंगन मुझे मेरी सास ने दिए थे..
* मेरा राजा बेटा!
* मेरा आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ है!
* मेरा बेटा ऐसा कभी नहीं कर सकता!
* मेरा बेटा तेरी मौत बनकर आएगा,
* एक बार मुझे माँ कह कर पुकारो बेटा…
* मेरे बेटे की रक्षा करना प्रभु!
* मेरे राजा बेटे को आज में अपने हाथो से खिलाऊंगी
* हे भगवान, मेरे सुहाग की रक्षा करना!
* मैने तेरे लिए गाजर का हलवा बनाया है!
* मैने तुम्हे पाल पॉस कर बड़ा किया…
* मार, मार इसे बेटे, इसने तेरे देवता जैसे पिता का खून किया!
* भगवान मैने आजतक तुमसे कुछ नही माँगा!!
* बेटा ये तो…. यह तो खुशी के आंसू है….
-------------------------------------------------------------------------
खैर ये तो रही मेरी बात.. अब कुछ ऐसे ही डाय्लोग्स आपके पास भी तो होंगे.. तो हो जाये दो चार इधर भी..
वाह! वाह! कमाल की पोस्ट है. जबरदस्त आईडिया.
ReplyDeleteयह पोस्ट पढ़कर आंखें भर आयीं..ये आंसू...ये तो ख़ुशी के आंसू हैं.
अब कुछ ऐसे ही डाय्लोग्स आपके पास भी तो होंगे..
ReplyDeleteसारे लिख मारे अब हम और कहाँ से लाये..
बहुत खूब . सारी हिन्दी फिल्मों की याद दिला दी.
ReplyDeleteNice Job Kush Bhaiya !
ReplyDeleteकुत्ते, मैं तेरा खून पी जाऊँगा!
ReplyDeleteकोई शक...?
ReplyDeleteएक अनूठी पोस्ट है, हीरो।
ReplyDeleteधांसू… धांसू… :)
ReplyDeletegaagr me sagar . pura filmiduniya samet lee ek post me
ReplyDeleteबहुत रोचक पोस्ट... मैं बाद में फिर आता हूँ... फिलहाल इतना कहना चाहता हूँ की कमीने फिल्म में 'स' को 'फ' बोलना कोई अपना और न्य प्रयोग नहीं था... कुछ महीने पहले जब मैं मंटो की दस्तावेज पढ़ रहा था तो उसमें एक कनाही 'फोबा बाई' मिली... जिसमें वो किरदार 'स' को 'फ' बोलती है... मैं हैरान हुआ... अपनी फिल्म के लोग कितने माहिर हैं.. ध्यानाकर्षण के लिए कैसे कैसे हथकंडे अपनाते हैं... शाहरुख़ का हकलाना हो या...
ReplyDeleteयह सही जगह लगी यह बात बाँटने को इसलिए... मैं फिर आनंद लेने आता हूँ...
आपकी कलम में जादू है, कुश बाबू.
ReplyDelete:)
ख़बरदार!तुम्हारे अड्डे को चारो तरफ से घेर लिया गया है. अब तुम बच के नहीं जा सकते.(अक्सर हीरो और विलेन की मार कुटाई होने के बाद आने वाली पुलिस बोलती है)
ReplyDeleteये लो १० लाख रुपये, इन्ही के लिए तुमने मेरी बेटी से प्यार का नाटक किया था :) (अमीर बाप, बेटी के प्रेमी से, जो गरीब ही होगा)
आप मुझे गलत समझ रहे हैं( ये डायलोग कोई भी बोल सकता है, कहीं भी)
धांसू पोस्ट है जी...दिल खुश कर दिया :) (ये किसी फिल्म का डायलोग नहीं है)
अरे एक और तो भूल ही गयी
ReplyDelete"आज मुझे मेरी गलती का अहसास हो रहा है, मुझे माफ कर दो"
शोले का एक डाइलोग है जिसके आधे हिस्से का हम हॉस्टल में घुसते ही इस्तेमाल करते थे ..ओर आज भी इस्तेमाल करते है......"..गाँव वालो "......
ReplyDeleteवैसे हीरो के दोस्त जैसे राजेंदर नाथ ओर उनकी प्रेमिका से जुड़े कई सीनों का भी दौर था .....
ओर इफ़्तेख़ार ओर अनीता राज के पिता जी हमेशा पोलिस वर्दी में ....विलेन कितना प्यार करता था हिरोइन से उन दिनों बेचारा आखिर में भी किसी जीप में बैठकर भाग लेता था .....कार चेसिंग सीन
ReplyDeleteआओ शंकर, क्या लाये हो? (पुराना)
ReplyDelete... धोने से पहले लोग तमंचा चलाना सीखते हैं.. (नया)
कुछ और याद आता है तो फिर पलट कर आते हैं..
dhansu collection ;)
ReplyDeleteकुक्कूऽऽऽऽऽऽऽऽ
ReplyDeleteहमें वैसे भी लैटेस्ट याद रहता है पुराना भूल जाते हैं...!
"खड़े खड़े मुह क्या देख रहे हो जाओ, अब तो सब का मुह मीठा करना है."
ReplyDelete=========================================
हीरो: माला, पिताजी के पांव छुओ.
पिता: तुम इस खानदान की बहु कभी नहीं बन सकती.
पिता हीरो से: कमीने, तुने हमारी इज्जत को मिटटी में मिला दिया.निकल जा इस घर से.आज से तू मेरा बेटा नहीं और मैं तेरा बाप नहीं, समझ लेना की तेरा बाप मर गया.
==============================================
"रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है..........."
"Gawaaoon key bayaanat aur saboot ko madde nazar rakhtey
ReplyDeleteTaz-e-raat-e-hind, dafaa 302 ke tahet , muzrim ko sazaaye maut di jaati hai"
जायेंगे जायेंगे हम दोनो साथ जायेंगे
ReplyDeleteबड़ी भोली लग रही है ना
अब बोल इसके बच्चे खिलवायेगा मेरी गोद में
दीदी रक्षाबंधन को बस एक महीना रह गया है, जीजा जी से कह दो मेरी जान बख्श दें
और सबसे मजेदार इसी फिल्म का मैं ममता को धोखा नही दे सकता
यार मैं खुद धोखे में आ गई मुझे लगा सकी बीवी का नाम ममता है जिसे ये धोखा नही दे सकता
"मैं गरीब हूँ ना, इसलिए."
ReplyDelete"भगवान् मैंने आज तक तुझसे कुछ नहीं माँगा."
"आप बड़े वो हैं.."
"कानून के हाथ बड़े लम्बे होते हैं..........." हम दोस्त लोग मजाक में कहते हैं इसलिए सभी को law कर लेना चाहिए.
.
.
अरे बहुत सारे हैं कहाँ तक लिखूं
सकी को इसकी पढ़ें
ReplyDelete@शिव बाबु
ReplyDeleteवैसे बाबु शब्द राजश्री की फिल्मो में होता है.. याद कीजिये.. प्रेम बाबु.. विवेक बाबु.. अनुराग बाबु..
बाय द वे आपकी टिपण्णी देखकर मेरी भी आँखों में खुंसी के आंसू आ गए..
@रंजन भाई साहब..
एक आध तो मिल ही जाएगा.. ज़रा दिमाग पे जोर डालिए..
@भारतीय नागरिक एंड अनिल कान्त..
शुक्रिया..
@मेजर गौतम
हां ये कुत्ते वाला तो मैन भूल ही गया था.. जिस फिल्म में मिलट्री वाला कोई किरदार आ गया तो बस वो कोई शक तो ज़रूर ही बोलेगा..
@सुरेश जी और धीरू जी
शुक्रिया शुक्रिया.. पर आप दोनों के डाय्लोग्स बाकी है.. एक तो हो ही जाए..
@सागर
बात तो तुम नयी ले आये.. मानता हु. पर डाय्लोग्स का क्या हुआ.. ?
@संजय भाईसाहब..
थोडा जादू तो आप भी चलिए..
@पूजा..
ReplyDeleteये हुई ना पूजा वाली बात.. माँ कसम सब एक से बढ़कर एक है.. पुलिस का तो एक और भी है.. ख़बरदार जो कोई अपनी जगह से हिला तो..
@डा. अनुराग
"गाँव वालो" ने तो दिल ही जीत लिया.. इफ़्तेख़ार कि फोटो ढूंढ रहा था ढंग की मिली नहीं.. वरना वही लगता.. मनमोहन कृष्णा भी ढूँढा फिर मदन पुरी से काम चलाया..
@पी डी..
शंकर तो नाम ही फ़िल्मी लगता है.. दूसरा वाला तो इश्किया का ही है.. और लाओ दो चार..
@संजीत जी..
शुक्रिया संजीत जी.. पर एक तो आपका भी बनता था..
@ अंकित भाई..
अदालत वाला तो मस्त है.. ओब्जेक्शन मीलोर्ड.. और ओब्जेक्शन ओवररुल्ड.. और जज के फैसला सुनाते हुए ही ठहरो की आवाज़ के साथ एक एंट्री..
@कंचन कँवर
इश्किया के ताजे ताजे डायलोग मार दिए जानी.. ममता वाले पे मुझे भी यही लगा था कि उसकी बीवी है..
kya bat hai...dhansu poat hai ekdam....ek dialoge hai bhi
ReplyDelete" ye kalam mujhe de de kush.!
ha haha
@शिखा जी
ReplyDeleteवाह शिखा जी.. ये डायलोग तो मज़ेदार था..
संजीव कुमार की तरह ही कहू क्या.....नहीईई
झक्कास।
ReplyDeleteकहा था ना मैंने... कहा था ना मैंने... कहा था ना मैंने... बाऊ जी ... कहा था ना मैंने... फिर से आता हूँ...
ReplyDeleteपिक्चर अभी बांकी है मेरे दोस्त !!!!
याद है इसी जगह तुमने मेरे दूध के दान्त तोड़े थे.. आज मैं तुम्हारी बत्तीसी तोड़ूंगा।
ReplyDeleteबाबूजी नहीं मानेंगे
तुम्हारा क्या है बाबूजी, हमें छोड़कर शहर चल दोगे!!!
याद है एक दिन जहां तुम खड़े हो वहां मैं था और... बस वक्त बदला है...
कौन कमबख्त .... के लिए पीता है, मैं तो इसलिए पीता हूं कि तुम्हें बर्दाश्त कर सकूं...
तो फिर तुम्हें कैसी लड़की चाहिए
हीरो : ऐसी लड़की जिसे देखकर वक्त थम जाए, फिजाएं गाने लगे, वो जिसकी आंखें बोलती हों... वगैरह... वगैरह...
हीरो खिड़की से बाहर देखते हुए
आज से 20 साल पहले इसी शहर में... (अगर उम्रदराज़ हुआ तो सिगरेट या सिगार पीते हुए... )
नीलामी का सीन
एक हजार एक
एक हजार दो
18 हजार रूपए .....
रामू काका आज भूख नहीं है
इत्ता सा था जब तुझे उठाकर अपने इन्हीं दोनों हाथों से तुझे इस घर में लाया था
नहीं बह जाने दो यह खून जिसने तुम पर हाथ उठाया है
प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा...
ReplyDeleteशक्ल से तो तो कोई गुंडे-मवाली लगते हो
pushpa, I hate tears रे !
जा बेटा जो मैं नहीं कर पाया वो तू कर... जा, जी ले अपनी जवानी...
ReplyDeleteआज तेरे बापू जिन्दा होते तो बहुत खुश होते...
वाह.... मजेदार....
ReplyDeleteएकसाथ कितने ही फिल्मों के ट्रेलर तुमने आँखों के सामने घुमा दिए....वाह !!!
हा हा...जितनी मजेदार पोस्ट..उतनी ही दिलचस्प टिप्पणियाँ।
ReplyDeleteएक और याद आया-
मैं वो बला हूँ जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूँ
एक और-
जानीssssss...
दोस्ती में नो सॉरी नो thank यू.
ReplyDeleteबड़े बड़े शहरो में छोटी छोटी बाते होती रहती है.
all is well .
ये सुनने से पहले मेरे कान फट क्यूँ नहीं गए ...
ReplyDeleteha ha ha hah a haah ahahha ahha haahhahah hahaha hahah ahahhahahahhahahahahhaahhha.........बेटा ये तो…. यह तो खुशी के आंसू है….
ReplyDeleteबहुत बढिया!! उम्दा पोस्ट!!
ReplyDelete@मनोज जी..
ReplyDeleteझकास को टिपण्णी भी मान लेता हूँ.. वैसे ये भी फिल्मो का डायलोग ही है..
@सागर
क्या सारी फिल्मो की सीडीस लेकर बैठ गए क्या.. ? जब तुम ऊपर धमकी देकर गए थे कि फिर आऊंगा मुझे तो तभी समझ जाना चाहिए था.. कुछ दमदार ही लाओगे.. मज्जेदार.. पोस्ट का एड ऑन रहे तुम्हारे कमेंट्स..
@रंजना जी
आपने तो कोई डायलोग बताया नहीं.. :)
@गौतम जी अगेन ..
आप तो वाकई में बला ही है..
@शोभित
हाँ ये वाला भी कमाल है..
@मीता
जिस तरह से तुमने हाहाहा लिखा.. मुझे तो लगा इसके बाद कहोगी मोगैम्बो खुश हुआ..
@परमजीत जी
शुक्रिया.. बहुत बहुत शुक्रिया..
टेंशनियाते डायलाग..
ReplyDelete'डूब गयी..नैया’
’मअसला मेरे हाथ से निकल चुका है खालू’
’दरिया घुस आया है मेरे घर के भीतर’
’तो आप चुप रहने का क्या लेंगे’
कन्फ़्यूजियाते डायलाग
’प्रासीक्यूटर्स विल बी ट्रेस्पास्ड’
’म्हारी मम्मी कौन छे म्हारे डैडी कौन छे’
’धत! तो फिर गुलाल लगाने का फ़ायदयि क्या हुआ’
वैसे एक बड़ी मजेदार किताब है ’फ़िल्म पुराण’, पढी क्या?
खैर फिर आता हूँ..
कुश-खुश होता है!
अजब कलम की गजब कहानी पोस्ट लगी यह बहुत सुहानी ...हर पढने वाला दिल खुश हुआ ..हा हा :)
ReplyDeleteकुश सेठ,सारी चिनाय सेठ जिनके ब्लाग शीशे के होते हैं……………………………………हा हा हा हा हा हा।मज़ेदार याद आ गया गुज़रा ज़माना।स्कूल से भाग-भाग कर फ़िल्मे देखना और धोके से किसी गीत के बोल या डायलाग मुंह से निकला तो छोटे भाई का घूर के देखना और ये सवाल लगता है देख आये पिक्चर।हा हा हा।
ReplyDeletesahi hai bheedu , bole to ekdum jhakkas...
ReplyDeletekahan se le aate ho itni yaade ...
एक अनूठी पोस्ट है, हीरो।
ReplyDeleteहमें वैसे भी लैटेस्ट याद रहता है पुराना भूल जाते हैं...!
ReplyDelete"रिश्ते में तो हम तुम्हारे DOST लगते हैं, नाम है.SANJAY BHASKAR.........."
ReplyDelete"I can talk English, I can walk English, and I can laugh English because English is a very phunny language. Bhairo becomes Byron because their minds are very narrow."
ReplyDelete"आऊँ......." कितनी मजेदार पोस्ट है
ReplyDelete
ReplyDeleteछायावादी दृष्टि से उत्कृष्ट पोस्ट... इशारे बहुत कुछ कहते हैं !
सामाजिक दृष्टि से यह पोस्ट अब तक चलते आ रहे एक ट्रे्न्ड को दर्शा रहा है !
यथार्थवादी इसमें सोसाइटी का कड़वा सच भी देख सकते हैं ।
पण अपुन के देवानँद और राजकुमार कहाँ हैं, जानी ?
कुल मिला कर निताँत मौलिक और गुडी-गुडी आइडिया... देखना यह है कि अब इस तर्ज़ पर कितनी और पोस्ट आने वाली हैं.. पेटेन्ट लिया कि नहीं ?
ReplyDeleteअरे ? मॉडरेशन नहीं लगाया ?
कब तक घटिया ब्लॉगर बने रहोगे, दिलवर ?
"आपके पैर बहुत हसीं हैं, इन्हें ज़मीन पर मत रखिये.. मैले हो जायेंगे.. "
ReplyDelete"ये हाथ नहीं फांसी का फंदा है गब्बर.."
ReplyDelete"अरे बाहर क्यों खड़ी हो, मां का पैर छूकर आशिर्वाद लो.."
"बाबू मोशाय!!"
"तारीख पे तारीख!! तारीख पे तारीख.."
और हां, वो शंकर वाला डायलॉग भी शोले का ही है..
बहुत पहले एक पोस्ट किया था.. उसे भी पेस्ट किये जा रहा हूं -
जब JAVA का कोड .NET वाला करता है, तो कोडर उठता नहीं.. उठ्ठ जाता है से लिया हुआ :
डेवेलपर नाना पाटेकर का डायलॉग
बैंग बैंग बैंग.. (कीबोर्ड पर)…
ये देखो …
ये 'C' का कोड.. ये 'C++' का कोड… ये दोनो मिला दिया…
अब बता टेस्टर - 'C' का कौन सा, 'C++' का कौन सा???
जब बनाने वाले ने इसमें कोइ फर्क नहीं किया तो तुम कौन हो फर्क करने वाले…. बता बता..??
=============================================
"घायल कोडर"
सनी देओलः बेंच पर बेंच, बेंच पर बेंच.. लोग पागलों कि तरह ट्रेनिंग में रात रात भर पढते रहे और उन्हें मिली तो सिर्फ बेंच!
अल्गोरिथ्म का एनालिसिस करते करते उनकी खुद कि जिंदगी बन गई एक अनसुलझा अल्गोरिथ्म, और उन्हें भी मिली तो सिर्फ बेंच!
ट्रेनिंग के बाद प्रोजेक्ट मिलेगा, फिर अप्रैजल होगा, फिर ऑनसाईट जाऊंगा इसी सोच में लोगों ने ट्रेनिंग के दिन काट दिये और उन्हें भी मिली तो सिर्फ बेंच!
बेंच पर बैठे बैठे लोग खुद बन गये हैं एक बेंच, और फिर भी उन्हें मिली तो सिर्फ बेंच!
बेंच.. बेंच.. बेंच..
सनी देओलः चड्डा समझो इसे….
कोडिंग करने के लिये जो जिगर चाहिये होता है वो किसी बाजार में नहीं मिलता…
कोडर उसे लेकर पैदा होटा है….
सनी देओलः और जब ये जावा का कोड किसी डॉटनेट वाले को करना पर जाता है ना,
तो कोडर उठता नहीं, बल्की इस दुनिया से उठ्ठ जाता है…………
सनी देओलः बाजार में ऐसे कोड बहुत मिलते हैं लेकिन उनको चलाने के लिये जो सीना चाहिये होता है वो एक कोडर लेकर पैदा होता है.. :)
१. हीरोईन दोनों हाथ कान पर रख कर आकाश की और आँखें बंद कर चीखती हुई...." नहीं..."
ReplyDelete२. हीरो: "तुमने आज तक मेरी दोस्ती देखी है अब दुश्मनी भी देखना"
३. विलेन हिरोइन से: " चिल्लाओ जितना जोर से हो सके चिल्लाओ...हा हा हा हा हा हा हा...."
४. हिरोइन हीरो से: " हटो...हटो ना...कोई देख लेगा "
५. पुलिस इन्स्पेक्टर : " हवलदार गिरफ्तार कर लो सबको"
६. हिरोइन अपने बाप से: " बापू....."
७. बाप बेटी से: " मर गया तेरा बापू"
८. बाप हीरो से: "क्या यही दिन देखने के लिए तुझे इतना बड़ा किया था?"
९. माँ हीरो से: "तूने मेरी कोख की लाज रख ली बेटा..."
१०.हीरो हिरोइन से : " मैं तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूँ....एक बार कहो न"
११.हिरोइन हीरो से: " धत्त "
इतने से काम चल जायेगा क्या कुश बाबू?
नीरज
@अपूर्व
ReplyDeleteये लाये ना कमाल की छांट..
हूँ कौन छू.. मने खबर नती.. म्हारी मम्मी कौन छे. म्हारा डैडी कौन छे.. नया डूबे ना भी मस्त.. फिल्म पुराण पढ़ी नहीं.. कुछ डिटेल बताओ..
@रंजना जी
अजब कलम से गजब वाला थैंक्स भी है..
@अनिल जी
चिनॉय सेठ तो माशाल्लाह है ही.. छोटा भाई का घूरना इमेजिन किया.. इधर भी हंसी आ गयी..
@विजय जी
आपका इंतज़ार कर रहा था.. पर आपने कोई डायलोग तो एड किया ही नहीं..
@संजय भास्कर जी
दोस्ती की है निभानी तो पड़ेगी ही..
@अंकित भाई
ReplyDeleteये आऊँ....... तो मज़ेदार रहा..
@गुरुवर अमर कुमार जी
छायावादी पोस्ट की छाया आपसे बच नहीं सकती.. आप तो उस्तादों के उस्ताद है.. उधर सुरेश जी भी कुछ ऐसा ही कह रहे थे.. जो मैंने कहा नहीं आप तो वो भी समझ लिए.. रही मोडरेशन की बात.. तो इधर ज़रा तारबंदी ऊंची है..
@पी डी अगेन
ये लूप चलता ही रहे.. इन चीजों से दो चार होता हु तो समझ सकता हूँ.. बहुत करारी चीज़ लाये हो..
@नीरज जी
एक ऐसे व्यक्ति से जो हर नयी हिंदी फिल्म देखना अपना फर्ज समझता हो.. यही अपेक्षित था.. आपने तो तबियत ही हरी कर दी.. "मर गया तेरा बापू" तो लाजवाब है.. तुमने आज तक मेरी दोस्ती देखी है अब दुश्मनी भी देखना वाला भी मस्त है.. कुल मिलाकर आपने अपना फ़िल्मी धर्म निभा ही लिया..
'आल ईज़ वेल ' फिल्हाल तो yahi ek याद आ रहा है..
ReplyDeleteबाकी पोस्ट मज़ेदार है..
@अल्पना जी
ReplyDeleteआल इज वेल तो मस्त है.. वैसे इसी फिल्म का जहापनाह तुस्सी ग्रेट हो भी कुछ कम नहीं..
एक ही डायलाग लिख सका वो भी पोस्ट से नक़ल करके.
ReplyDeleteआज पूछूँगा उस परवरदिगार से कि क्यों नहीं दो-चार और डायलाग दिए जो इस पोस्ट पर कुर्बान होने के लिए.......यूं कि इमाम साहब ये तो चमत्कार हो गया...प्रभु, आप...आपने डायलाग याद करा दिए...अब यूं कि ज्यादा डायलाग देने की आदत तो है नहीं मुझे...इसलिए जो याद आये नीचे...
*हीरोइन का बाप हीरो से; "ये लो खाली चेक और भर लो..."
*हीरो हीरोइन के बाप से, "ठाकुर साहब, मैं गरीब ही सही लेकिन मेरा प्यार बिकाऊ नहीं है..."
*हीरो को पालने वाला हीरोइन की माँ से.."बहन, आप वही तो नहीं जो बीस साल पहले अपने परिवार से..."
*हीरोइन का बाप विलेन से.."क्या कहा मेरी बेटी जिंदा है..एक बार मुझे अपनी बेटी को देख लेने दो. मैं तुम्हारे हाथ..."
*विलेन हीरोइन के बाप से.."बेटी से मिलने की इतनी जल्दी है? तेजा..."
*विलेन हीरोइन के बाप से २.."पहले कागजात पर दस्तखत करो..."
*हीरो साइड विलेन से..."इलाके तो कुत्ते-बिल्लियों के होते हैं. शेर जहाँ जाता है उसका इलाका खुद-ब-खुद...."
*हीरो अपने भाई से..."मुन्ना..ए मुन्ना..मालती ये मेरा मुन्ना है..मेरा भाई..इसे मारने से पहले मेरे हाथ...."
*अदालत में बैठा जज..."आर्डर आर्डर...आपको जो कुछ भी कहना है वो कटघरे में आकर कहें..."
*अदालत में वकील..."योर आनर..मेरे फ़ाज़िल दोस्त शायद ये भूल रहे हैं कि..."
फिल-हाल इतना ही..आता हूँ एक ब्रेक के बाद.
@शिव बाबु
ReplyDeleteजबरदस्त जबरदस्त जबरदस्त.. आवाज़ गूँज रही है.. बड़े ही धांसू क फांसू डायलोग ले आये आप तो.. बहुत ही जोरदार.. युंकी आपकी पिक्चर पहले ही दिन हौसफुल हो गयी.. कुर्बान जाऊ ऐसे डायलोग पर.. एक साथ कितनी ही फिल्मे याद आ गयी..
ये वाला तो अल्टीमेट था.. "आर्डर आर्डर...आपको जो कुछ भी कहना है वो कटघरे में आकर कहें..."
अद्भूत संकलन कुशभाई. मजा आ गया पढकर
ReplyDeleteBahut khub..ye to Dialogues ka Encyclopidia hi bana diya !!
ReplyDeleteClassic !
ReplyDeleteगुलाल में एक ठो डायलाग था- अपने अपने चूतड़ों पे टिके रहने से क्रांति नहीं आयेगी..
ReplyDeleteकमेंट पर कमेंट कमेंट पर कमेंट आखिर कब तक यों ही एक से एक उम्दा कमेंट आते रहेंगे... जो भी है अच्छा लगा.. धांसू आइडिया... असली मर्द वाला...
ReplyDelete..... मर्द के सीने में दर्द नहीं होता.....
.... आपने मुझे बेटा कहा...
... बडे़ बड़े शहरों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं...
.... आई हेट बाइज...
मर्द के सीने में और ब्लॉगर के सिर में कभी दर्द नहीं होता (ये लेटेस्ट है)
Jaani, Yeh bachon ke khelne ki cheez nahin! Haath kat jaaye toh khoon nikal aata hai
ReplyDeleteChinay Seth, jinke ghar sheeshe ke hote hain, woh doosron par patthar nahin phnekte
Tum is khandan ki bahu kabhi nahi ban sakti.
Kamine, tune hamari ijjat ko mitti me mila diya.
Nikalja is ghar se. Aaj se tu mera beta nahin aur main tera baap nahin. Samajh le ki tera baap mar gaya.
Dh: Gaon vaalon, mein vahi karoonga jo Heer ne Ranjha ke liye kiya tha, Romeo ne Juliet ke liye kiya tha - sosait, sosait, sossaait (suicide).
G1: Arre bhai, yeh sossaait kya hota hai?
G2: Arre bhai, jub angrez marte hain, to usey sossaait kehte hain!!!!
Ravi: Maa, Tumhaare aasheervaad se main aaj B.A. FIRST class mein pass ho gaya hoon.
Maa : Bahuth khushee ki baath hai beta. Le, yeh parshaad kha le.
[maa Om prakash ki foto ke saamne jo deewar se tangi hui hai ]
Dekhiyeji, Aaj apke bete ne apka sapna poora kiya hai.
[ maa bete se ]
Beta ... Ek achchi si naukari doond le Aur, Jaldi se ek Bahuraani bhi le aaa
Ravi: Maa ... uummnn ... Bahu rani tho maine dhoond hee liya hai.
Maa : SSsaachchc?^#!@*&! Kaun hai beta vo khush kismat?
Ravi: Seth Gangaram ki beti, Asha.
[ ddaannn ...dddaaann .... music in the background
baki aap khud soch lijiye...:)
जानी, जिनके घर शीशे के होते हैं वो बत्ती बुझा कर कपडे बदलते हैं..
ReplyDeletehahaha tum bhi jaane kaha kahan se idea laate ho
ReplyDeletekitni sar khpaayi ki hogi itne sare alag alag tarah ke dialouge collection mein
maza aaya
" नहीं नहीं...ऐसा नहीं हो सकता!" (दोनों कानों पर हाथ रखके )
ReplyDelete" ऐ, परदेसी बाबू.... हमका छोड़ के तो नाही चले जाओगे?" (हीरोइन घाघरा चोली पहनकर मटकते हुए )
" अंकिल अंकिल....मेरी गुल्लक के सारे पैसे लेलो पर मेरे पापा को छोड़ दो" ( बाल कलाकार विलेन से)
" अरे कहाँ चलीं राधा रानी....." ( मोटा मुनीम हीरोइन से....ख़ास एक्सप्रेशन के साथ)
और भी याद आ रहे हैं...पर बाद में! मज़ा आ गया...ऐसा लगा देव आनंद के ज़माने से माहि गिल तक की सारी फिल्मे एक मिनिट में देख लीं!
कुश भाई वाह क्या बात है। आपकी हर पोस्ट पहली पोस्ट बिल्कुल अलग और अनोखी होती है। सच्ची गजब की पोस्ट है। और हाँ गुलाल की वीसीडी ले आया हूँ अब जाकर देखूँगा उस फिल्म को। उसके गानों ने तो एकदम पागल कर दिया था।
ReplyDeleteजानदार..शानदार..यादगार...पोस्ट है.
ReplyDelete...आभार.
कुछ हट के सुन्दर पोस्ट
ReplyDeleteआभार...........
अबे...पिक्चर खतम हो गई है....???
ReplyDeleteAnooothee mazedaar post!
ReplyDeleteHoli kee anek shubhkamnayen!
इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ReplyDeleteना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
(और आज पहली बार ब्लॉग पर बुला रहा हूँ.. शायद आपकी भी टांग खींची हो मैंने होली में..)
होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
ReplyDelete"आस्ता ल्वास्ता बेबी..."
ReplyDelete"ग्रेट पॉवर कम्स विथ ग्रेट रिस्पोंस्बिलीटी"
और बॉलीवुड - होलिवुड के बंधन से परे...
"आय लव यू"
और ये पूरी स्पीच आपकी नज़र...
http://broadband.glamsham.com/a-wednesday/nasruddin-shah-last-dialogue-stupid-common-man-video_91aa6f334.html
I am just a stupid common man wanting to clean my house.
“we are resilient by force, not by choice”.
ReplyDeleteरंजन रस रंजन..रोचक मनोरोचक ..
ReplyDeleteहोली की ढेरों शुभकामनाएं
डॉक्टर अनुराग साहब की टिप्पणी में लिखा "पोलीस" शब्द पढ़ कर कितनी मुस्कान बिखरी है मैं लिख नहीं सकता, गजब की दृष्टि है. होली की शुभकामनाएं देने के लिए ई पता खोज रहा था फिर आखिरी उपाय यही मिला कि यहीं लिख दिए जाये वे शब्द जो मेरी असीम शुभकामनाओं के संकेतात्मक प्रतिनिधि मात्र हैं.
ReplyDelete:-)))
ReplyDeleteराजकुमार के ढेरो डॉयलोग हमे याद है ..उस पर अलग से एक पोस्ट लिखेंगे फिलहाल यह सुनिये ..
ReplyDelete" जानी........ ऊँची इमारत पर बैठने से कौवा कबूतर नहीं हो जाता "
ho ho
ReplyDeleteSuperhit
Chiplunkar ji ne apke bare men bataya tha
Aaj dekha to sach men maja aaya
ABE YAR TOO BHII GAJAB HAI, GAJAB KARTA HAI,
TERE PITARE MEN BHII MAAL JORDAR WALA HAI, SACHI.
kya abhi dialogue bache hain....aapne to sab likh hi diye...khair main koshish karti hoon...
ReplyDeletebade bade deshon mein aisi chhoti chhoti baatein hoti rehti hain
काफी लम्बी फेहरिश्त है भाई...
ReplyDeleteदिलचस्प मजेदार...
पोस्टर को फटे हुये शताब्दी बीतने जा रही है और वो जो हीरो निकला था बुढ़ा गया है अब तलक....अब तो नयी पोस्ट लगा दो बरखुदार।
ReplyDeleteहर बार रिमाइंडर चाहिये। हद करते हो? अभी से ये हाल है...जाने शादी के बाद क्या करोगे।
gr8 job...well done!!!
ReplyDeleteNice Blog Keep it Up KUSH
ReplyDeleteIndia Tour Operator
omkara ko nahi bhoola ja sakta.
ReplyDeletejo sali apne baap ki nahi hui wo meri kya hoegi.
apni kismat to sali gadhe ke ...... se likhi hai.
yaha dal me kala nahi ,puri dal hi kali hai.
padi lakdi mat utha bahubali.
gangs of wasseypur 2 : hum to samajte the ki sanjivkumar ke ghar hum bachchan peida huye hai lekin jab aankh khuli to dekha saala hum to shahi kapoor hain..> navazuddin siddiqui aka Faizalkhan
ReplyDelete