तुमको भी कैसे नींद आएगी ?
ये एक फिल्म के गीत के मुखड़े की दूसरी लाइन है.. पहली लाइन इन दिनो सभी न्यूज़ चैनल पर चल रही है.. 'खोया खोया चाँद'.. एक लड़की.. लड़की? औरत.. का चाँद कही खो गया है.. न्यूज़ चैनल वाले हलकान हुए जा रहे है. छाती पीट रहे है.. चाँद खो गया.. चाँद खो गया..
अमीना आलम का बेटा दंगो में कही गुम हो गया था.. कितने सालो से वो चक्कर लगा रही है दफ़्तरो के उसका बेटा पता नही कही खो गया है.. पागल है बुढ़िया.. सोचती है टी वी वाले उसके भी घर आएँगे.. उसके चाँद को ढूंड लाएँगे.. जानती नही.. उसके घर का रास्ता लंबा है.. टी वी वालो को तो शॉर्ट कट चाहिए...
एक साहब बरसो तक छोटे मोटे अभियान चलाकर अपनी टीम बनाते है.. उनका कोई भतीजा आकर निर्दोषो को मारता है.. रातो रात अख़बारो की सुर्ख़ियो पर राज करने लगता है.. सब उसके बारे में बात करने लग जाते है...
हमने कई बार देखा होगा.. बच्चा नीचे गिरता है तब नही रोता है.. जैसे ही उसे कोई अपना दिख जाए वो रोना शुरू कर देता है.. अगर उस पर ध्यान नही दिया जाए तो और ज़ोर से रोता है.. और अगर आप ध्यान दिए बिना निकल जाए वहा से...... तो बच्चा चुप हो जाता है.. बच्चा हमेशा रो तो नही सकता ना...
लेकिन हम ग़लती कहा करते है?? हम ध्यान दे देते है.. जैसे ही बच्चा रोता है.. हम पुचकारते है.. बेटा कहा लगी.. हमे बताओ.. और बच्चा रोता जाता है.. हम ध्यान देते जाते है...
ये ध्यान बटोरने वाली आदत खराब है.. बच्चा बड़ा होकर किसी पब या बार में घुस कर लोगो को मार पीट कर भी ध्यान बटोरने की कोशिश कर सकता है..
तभी तो मुझे वो गाना याद आता है....... तुमको भी कैसे नींद आएगी.....
बातो बातो में बताना भूल गया
कॉफी विद कुश का सीजन 2 आ रहा है.. और इस बार का पहला ही एपिसोड ब्लॉग जगत की एक धमाके दार सख्शियत के साथ होने वाला है वो भी एक नयी थीम के साथ जिसका नाम है 'टोस्ट विद टू होस्ट' यानी की दो मेजबान के साथ फँसने वाले है हमारे इस बार के मेहमान.. दूसरा मेजबान कौन है? इस के बारे में आप आइडिया लगाइए..
लेकिन मैं आपको बता दू की हमारे मेहमान भी कम नही है.. बस थोड़ा सा इंतेज़ार कीजिए... अभी हम चलते है... दसविदानिया....
बहुत अच्छा लिखा है , ध्यान बटोरने वाली आदत ही ख़राब है | कहीं असुरक्षा की भावना है | मेरा नाम जोकर की दसविदानिया कौन भूल पायेगा , बहुत खूब |
ReplyDeleteचाँद कहीं खोया नही ....:) यह भी अदा है एक आज के जमाने की ...काफ़ी विद कुश का बेसब्री से है इन्तजार ..
ReplyDeleteफ़िल्मी गाने की ही तर्ज़ पर कमेण्ट कर रहा हूं,तेरे लिखने की क्या तारीफ़ करूं,कुछ कहते हुए …………॥
ReplyDeleteबहुत लाजवाब जी. इंतजार करते हैं आपके सीजन टू का.
ReplyDeleteरामराम.
कुश जी हमें इंतजार रहेगा काफ़ी विद कुश सीजन टू का । जल्दी आइए लेकर।
ReplyDeleteआपने चाँद खोने की बात कही,मैं भी सोच में पड़ी थी कि कुश कहाँ खो गए........बहुत लंबे समय तक खोये रहे, क्या बात है ?
ReplyDeleteखैर चलिए आए तो,अब बस जमे रहिये. और पता ही है,कि आप जो भी लायेंगे,जबरदस्त लायेंगे.......इसलिए बेसब्री से इन्तजार है......
बहुत सही कहा आपने......मिडिया को केवल सनसनी चाहिए,ख़बरों से उसे कोई सरोकार नही.
चाँद की खोज जारी रहे.......आपकी कॉफी का इंतज़ार है
ReplyDeleteनींद खो गई है...उसे भी तो कोई ढूंढ कर लाने वाला नहीं...उससे टीआरपी थोड़े बढेगी. सही लिखा है, बचपन से ही ध्यान खींचने की आदत पड़ जाती है, पर ये आदत बाद में बाकियों को परेशान करने की हद तक बाद जाए तो बड़ी दिक्कतें आ जाती हैं.
ReplyDeleteओह हाँ, कहना भूल गई...अगली coffee का इंतज़ार है...इस बार लगता है डबल बोनान्जा है :)
ReplyDeleteहद है कुश भाई.. बेचारे बच्चे को मिडिया वाले चुप करा रहे हैं और आप हैं कि आपको वो भी पसंद नहीं आ रहा है.. :)
ReplyDeleteऔर एक बात पूछनी थी, दर्शकों को कॉफी नहीं तो चाय ही पूछ लो.. ऐसे ही आते हैं और भूखे पेट चले जाते हैं आपके द्वार से.. :(
ठीक बात कही आपने.........ध्यान ज्यादा हो तो बच्छा ज्यादा रोता है, यही बात टीवी वालों पर लागू होनी चाहिए........पर क्या वो समझेंगे इस बात को? बेलगाम मीडिया ..............कहने को तो मीडिया जागरूक है, पर जागेगा कब, कोई तो बताये
ReplyDeleteध्यान बटोरने वाली आदत ही ख़राब है.....सच कहा आपने और वो भी उल जलूल हरकते करके.....अब चाँद खो गया तो "गुमशुदा" की रिपोर्ट तू लिखा ही दी गयी है.....देखें कहाँ मिलता है ...वैसे एक चाँद आज हमने @ आदरणीय अनुराग जी के ब्लॉग पर भी देखा ...वहां भी खोज बिन कर ली जाए हा हा हा ...अब मुझे तो कुछ पंक्तिया यु याद आ रही हैं " चाँद भी अब नजर नही आता...अब तो तारे भी कम निकलते हैं..."
ReplyDeleteRegards
:))
ReplyDeleteबहुत खूब कुश जी ..
काफ़ी बहुत दिनों से नहीं दिखी... सीजन टू का डेट भी बता देते. आप भी टीवी चैनल वालो की तरह खूब सस्पेंस डाल रहे हो :-)
ReplyDeletechand to mile na mile fiza paglayi ghumti rahe,coffeeka intazaar bahut rahega.
ReplyDeletesahi kaha aapne kush ji, second host Anurag sir to nahi?
ReplyDeleteअजी सही कहा आप ने जब हम ध्यान देते है बच्चा तभी रोता है, वेसे यह चांद या जो भी है साले खो ही जाये तो अच्छा है, क्योकि खोट पेसा जनता के काम तो आता नही बल्कि जनता कि जेब मे रह कर, जेब को ही फ़ाडता है साथ मे जाते जाते असली पेसो का भी नुकसान कर जाता है.
ReplyDeleteधन्यवाद
लिखा आपने सही है पर चाँद खोया कहाँ अपने घर वापिस चला गया है । :)
ReplyDeleteटी .वि .वालों को तो न्यूज़ कम सनसनी ज्यादा फैलाने मे ज्यादा मजा आता है ।
टोस्ट विथ टू होस्ट का इंतजार का इंतजार रहेगा ।
बस इन्तजार है.. नं दो का..
ReplyDeleteरंजन
कुश जी,
ReplyDeleteजल्दी शुरू कीजिए कोफी विद कुश या tost होस्ट.
हमें कोई फरक नहीं पड़ता.
'टोस्ट विद टू होस्ट' यह हुई न खाने वाली बात इंतज़ार रहेगा
ReplyDeleteमारपीट तोगड़ियाटिक हिन्दुत्व है। तालिबनाइज्ड हिन्दुइज्म। एक मिथक!
ReplyDeleteकॉफी तो हमने कभी पी नहीं . पर चाय का मौसम तो गया अब . ठण्ड में अबकी बार रोज सुबह एक गिलास चाय पीते थे !
ReplyDeleteआप पहले , पहले वाले का नाम गेस करने का मौका तो दें .
ReplyDeleteयहाँ पहले का नाम पता नही चला दूसरे का नाम गेस करने की चुनौती आन पड़ी.
और हाँ
मीडिया को क्या पता कि चाँद किसके कब्जे में है
दरअसल चाँद पर अनुराग जी की रिसर्च चल रही है सो अनुराग जी ने उसे कहीं पिला विला दी होगी और तारों की बेवफाई पर रो रहा होगा.
हम तो बस एक उसी चाँद को जानते हैं
बिल्कुल सही लिख.. कॉफी विथ कुश की कमी अखर रही थी..अच्छा लगा जानकर कि जल्दी ही वापस आ रही है नये रुप में. शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteचाँद की तो फितरत ही है खोना (छुपना) फिर मिल जाना (निकल आना), मीडिया क्यों हलकान हुआ जा रहा है, फिजा बिगड़ रही है क्या इसलिये।
ReplyDeleteकुश लिख रहे हैं---ये ध्यान बटोरने वाली आदत खराब है!
ReplyDeleteऔर ये सीजन २ के कोफी कप पर अपनी तस्वीर छाप कर किस का ध्यान बाँट रहे हैं??
-aap ne बहुत दिनों बाद लेख लिखा है..लेख बढ़िया है.
आप अकेले क्या इंटरव्यू लेने से डर रहे थे जो और एक होस्ट की जरुरत आन पड़ी??वैसे ताऊ जी ने भी इंटरव्यू शुरू कर दिए हैं...आप के सीजन २ एपिसोड का इंतज़ार रहेगा.
वाह वाह कुश साहब बहुत बढ़िया बात बता दी चाचा भतीजे की। हा हा। और इन्तज़ार रहेगा आपके टोस्ट विथ टू होस्ट का। इर्शाद है।
ReplyDeletechand aur kush ki kalam par??? chalo kisi bahane se aaya to sahi... :) aur do mejban ke saath ek maheman....becharaaaaa :))
ReplyDeleteबहुत खूब... जबाब नहीं...
ReplyDeleteटोस्ट खायेगा कौन? होस्ट या गेस्ट? बहुत मजेदार पोस्ट लिखी है भाई आपने...एक बात और.... ये जो ब्लॉग की डिजाईन आप इतनी आसानी से बदल लेते हो और उसे आकर्षक बना देते हो ये ट्रिक हमको भी सिखाओ ना गुरु....दक्षिणा में क्या लोगे ये भी बताना...
ReplyDeleteनीरज
ये ध्यान बटोरने वाली आदत खराब है..मानव स्वभाव को गहराई से दिखा दिया... आपका लेखन हमेशा प्रभावित करता है..
ReplyDeleteबहुत शानदार!
ReplyDeleteहठ कर बैठा चाँद एकदिन........
और देखो कि क्या हो गया बेचारे को. खो गया. लेकिन फिकर नहीं. टीवी वाले हैं न. ढूढ़ लिए जायेंगे ज़रूर.
काफी विद कुश का सीजन -२ है तो होस्ट टू होंगे ही. सीजन-३ में थ्री होस्ट होंगे तो मैं अपना नंबर अभी से लगा देता हूँ.
तुम आये तो आया मुझे याद कि गली में आज "चांद’ निकला
ReplyDeleteबड़े दिनों बाद दिखे कुश भाई इस बार तो
और काफी के सीजन-टू की प्रतिक्षा है
ReplyDeleteअरे,मैं तो मारे डर के मोबाइल में शीर्षक देख कर,
आज सहमते सहमते आया, कि आज इस आइडिया-किंग ने, तीन की सूईयों पर टँगे मुझ खूसट को तो शिकार नहीं बनाया ?
चलो, गनीमत है.. दरअसल यह पोस्ट भी एक हक़ीक़त है ।
पर, क़ाफ़ी पर दूसरा होस्ट तुम से कम तो होगा नहीं, दो दो ब्लागिंग दिग्गज़ !
सो, किस ग़रीब की हड्डियाँ चिंचोंड़ने का पिलान है, वैष्णव जी ?
2 HOSTS ...
ReplyDeleteThat is Double- Trouble :)
Intezaar rahega ...
Aur 'Chaand' ki
koyee latest,
Tasveer hai kya ?
Yehan " Most wanted " ki tarah TV pe dikhla dete hain ,
aur,
TALASH karenge hum bhee ...