Monday, March 17, 2008

कृपया इसे ना पढ़े

शीर्षक पढ़कर चौकियगा नही, क्योकि यदि इसका शीर्षक भारतीय सभ्यता या संस्क्रती होता तो शायद ही इसे कोई पढ़ता, क्योंकि हमारे यहा लोग विदेशी विषयो को शीग्रता से अपना लेते है, ऐसे लोगो में युवाओ की संख्या अधिक है.. और ये युवा विदेशी त्यौहारो को भारतीय त्यौहार की अपेक्षा अधिक हर्षोल्लास से मानते है.. अभी कुछ दिन पहले की घ्टना है एक निजी विधालय में किसी उत्सव की तैयारिया हो रही थी.. जिसमे विधालय के छात्र उत्साहपूर्वक भाग ले रहे थे.. पूछने पर पता चला की ये टीचर्स डे की तैयारिया थी.. सुन ने में अच्छा लगा की इस दिन सभी छात्र अपने अध्यापक को ऊपहार सहित धन्यवाद देते है.. परंतु इस टीचर डे को मनाने वाले लोग "गुरु पूर्णिमा" को कैसे भूल गये जो की हमारे देश में सदियो से मनाया जाता आ रहा है.. जिस दिन गुरु, अर्थार्त अपने शिक्षक की पूजा की जाती है..एवम उन्हे भगवान का स्थान दिया जाता है.. तो सही मायनो में यह है टीचर्स डे .. पर ना जाने क्यो हमारे देश में इसे भूल कर टीचर्स डे मनाया जाता है.. और गुरु पूर्णिमा वंचित रह जाती है...

सिलसिला यही समाप्त नही होता.. क्योंकि विदेशो में कई त्यौहार है जो भारत में बड़े स्तर पर मनाए जाते है..शुरु करते है वॅलिंटाइन डे से इसे प्रेम का संदेश देने वाला त्योहार भी कहते है.. परंतु हमारे यहा करवा चोथ कई सदियो से मनाया जाता आ रहा है.. जिसमे पत्निया अपने पति की चिर आयु के लिए व्रत रखती है. सही मायनो में यही प्रेम का संदेश देने वाला त्योहार है..

इसी क्रम में चिल्ड्रन्स डे का भी नाम आता है॥ जो की हमारे देश में ख़ासा लोकप्रिय है.. इस दिन बच्चो को टॉफिया खिलोने आदि बाँटे जाते है.. जो की अच्छी बात है.. मगर बाल दिवस मानने वाले लोग बच्छ बारस को कैसे भूल जाते है.. जिस दिन माताए अपने बच्चो के सर पर तिलक लगाकर उनके उज्जवल भविष्य एवं दीर्घ आयु की मंगल कामना करती है.. तो हम इसे चिल्ड्रेन'स डे कहे या फिर उसे जिसका मात्रा नाम चिल्ड्रेन'स डे है..

इतना ही नही इधर कुछ वर्षो से सिस्टर्स डे भी ख़ासा लोकप्रिय हुआ है.. सिस्टर्स डे अर्थार्त बहनो का एक दिन.. बहन का दिन कहने भर से ही यह उनकी गरिमा नही दर्शाता, बहन की गरिमा रक्षा बंधन से होती है.. जिस दिन बहने भाई की कलाई पर राखी बाँधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है..बहनो के लिए इस से बड़ा सम्मान वाला त्यौहार और कौनसा हो सकता है...

इन उत्सवो के बीच एक पर्व "गुड नेब्र्स डे " भी एक बड़े वर्ग द्वारा मनाया जाता है.. गुड नेब्र्स डे अर्थार्त पड़ोसियो का एक दिन.. जिस दिन पड़ोसियो का धन्यवाद अदा किया जाता है.. परंतु हमारे सुख दुख में साथ देने वाले पड़ोसियो के लिए क्या वर्ष में एक ही दिन, ये कैसी सन्स्क्रति है? हमारे देश में तो प्रत्येक त्योहार या उत्सवो में पड़ोसियो को मिठाइया बाटी जाती है वा उनसे गले मिलकर बधाइया दी जाती है.. अर्थार्त हमारे यहा सभी त्योहारो पर गुड नेब्र्स डे मनाया जाता है..

एक दिन माफी माँगने का.. वर्ष भर यदि हमसे कोई भूल हो जाए तो एक दिन माफी माँगने का भी होता है जिसे सॉरी डे कहा जाता है.. परंतु हम सभी जानते है की जैन समाज में कई वर्षो से क्षमा याचना पर्व मनाया जाता है जिस दिन लोग वर्ष भर की गई ग़लतीओ के लिए क्षमा माँगते है..

इतने उत्सवो में यदि वुमन्स डे का नाम नही ले ऐसा कैसे हो सकता है॥ वुमन्स दे अर्थार्त नारी का एक दिन.. नारी जिसे शक्ति कहा जाता है.. उसके लिए मात्र एक दिन? जबकि हमारे यहा शक्ति का त्यौहार नौ दिन तक नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है.. नवरात्रि में माता की नौ रूपो में अराधना की जाती है.. तो हम पहले ये सोचे की नौ दिन की नवरात्रि मनाई जाए या एक दिन का वुमन्स डे..

मात्रा इतना ही नही भाईयो के लिए भी ब्रदर दे नाम का एक दिवस मनाया जाता है.. इस उत्सव को मानने वाले शायद भाई दूज को भूल जाते है जो हमारे देश में कई सदियो से मनाया जाता आ रहा है..

विश्वा में केवल भारत ही ऐसा देश है जहा सबसे ज़्यादा त्यौहार मनाए जाते है और वे आपसी भाईचारे से सबके साथ मिलकर मनाए जाते है.. इतना ही नही हमारे यहा छोटी से छोटी खुशियो पर भी मिठाइया बाँटी जाती है,कहने का तात्पर्य यह है की इतना उत्सव प्रिय देश होते हुए भी क्या कारण है की पश्चिमी सन्स्क्रति हमारे यहा अपने पाव पसार रही है..

इसका कारण एक ही है की हम जागरूक नही है.. आने वाली पीढ़ी को हमे हमारे त्योहारो से अवगत करना होगा.. हमे छोटी छोटी खुशियो का बाहे फैलाकर स्वागत करना होगा.. सभी भेदभाव भूल कर हमे सभी त्योहारो को परस्पर भाईचारे व सौहार्द से मानना होगा.. तभी हमारा देश भारत एक नये रूप में उभरकर आएगा..

2 comments:

  1. जी..यही है वह, जो घुस आया है हमारे घर..चुपके से।

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वो बात कह ही दी जानी चाहिए कि जिसका कहा जाना मुकरर्र है..