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पहले खत लिखा करते थे उस पर
फिर उसी पर दस्तख़त ले लिए...
रिश्ता काग़ज़ पे शुरू काग़ज़ पे ख़त्म
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मैं जब भी देखता हू उसको
मुस्कुराती है मुझको देखकर
तस्वीर तुम्हारी बड़ी अच्छी है
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पहले खत लिखा करते थे उस पर
फिर उसी पर दस्तख़त ले लिए...
रिश्ता काग़ज़ पे शुरू काग़ज़ पे ख़त्म
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मैं जब भी देखता हू उसको
मुस्कुराती है मुझको देखकर
तस्वीर तुम्हारी बड़ी अच्छी है
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कुश, पुरानी गुलज़ार community याद दिला दी तुम्हारी त्रिवेनियों ने…बहुत खूब
ReplyDeleteTasveer wali triveni bahut achchi lagi
ReplyDeleterishte waqai kaazi nazar aane lage hai...aur triveni mei..khoob achhe se darshit kiya tumne...
ReplyDeletelikhte raho
rishta kagaj pe shuru....bahut badhiya ..shayad ab tak ki aapki shresht triveniyo me se ek lagi.
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