हलकट दुनिया के पिछवाडे पर लात देकर उसने गाडी स्टार्ट कर दी थी.. लोग बाग़ सड़क पर दौड़ रहे थे.. सारी गाड़िया फूटपाथ पर चल रही थी.. अचानक किसी ने बिलकुल पास आकर ब्रेक मारा.. @$%#$% कुछ निकला था उसके मुंह से.. शायद कोई गन्दी गाली रही होगी.. नहीं गन्दी नहीं, सिर्फ गाली होगी.. गालिया गन्दी या अच्छी नही होती.. सड़क पर गति सीमा चालीस देखकर उसने स्पीड बढा ली.. तेज़ ते़ज़ और तेज़ स्पीड से उसकी गाडी चल रही थी.. अचानक उसने देखा कार में बारिश होने लगी.. उसने जोर से ब्रेक लगाए पीछे से कोई उसे वही गाली वापस दे गया जो उसने कुछ देर पहले दी थी.. खिड़की से बाहर झाँका तो कडाके की धुप पड़ रही थी.. पर उसकी कार में जोरो की बारिश हो रही थी,, उसने अपनी जेब में हाथ डालकर देखा शायद छतरी मिल जाए.. पर नहीं अन्दर से एक अस्पताल का बिल.. थोडा सा काला धुआं और कुछ कांच के टुकड़े मिले.. ऊपर वाली जेब में एक वाशिंग मशीन मिली पर वो चलती नहीं थी.. उसने गुस्से में फिर एक गाली दी.. पता नहीं किसको ?
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उसे पास में ही अखबार का दफ्तर दिखा.. वो दौड़के अन्दर गया.. अन्दर सब लोग स्कूटर चला रहे थे.. उसने रोकने की कोशिश की पर कोई रुक नहीं रहा था.. सबको जल्दी थी.. सब तेज़ बनना चाहते थे सबसे तेज़.. उसने भी पास में पड़ा एक स्कूटर उठा लिया.. फटाफट उसने जाकर अखबार में खोया पाया कॉलम में विज्ञापन दिया.. "जेब्रा क्रोसिंग खो गयी" उसे लगा इसे पढ़कर शायद उसे सड़क पर जेब्रा क्रोसिंग मिल जाए और वो सड़क पार कर ले.. पर ऐसा हुआ नहीं.. सड़क के इस पार बैठे बैठे वो सामने आने जाने वाली मेट्रो देख रहा था.. उसे लगा अगर मेट्रो के ड्रायवर ने एक बार उसे देख लिया तो वो मेट्रो इधर ले आएगा.. मेट्रो का ड्रायवर उसे जानता था.. इतनी जान पहचान तो चलती ही है.. मेट्रो आ चुकी थी.. पर ड्रायवर देख नहीं रहा था..
वो घबराया.. उसने जमीन पर पड़ा पत्थर उठाया और सामने की तरफ उछाल दिया.. पत्थर मेट्रो की खिड़की को तोड़ता हुआ आसमान की तरफ चला गया.. पत्थर हवा में उड़ता ही जा रहा है.. वो देखता रहा.. पत्थर और ऊपर चला गया.. अचानक आसमान में से जोर की आवाज़ आई.. शायद उसने आसमान फाड़ दिया था.. आसमान से मोम जैसा कुछ पिघलकर नीचे गिर रहा था.. जैसे ही वो उसके ऊपर गिरता मेट्रो उसके करीब आ गयी.. वो फटाफट उसमे चढ़ गया.. पर अन्दर मेला लगा हुआ था.. बहुत भीड़ थी.. खेल तमाशे वाले.. चाट पकोड़ी वाले.. झूले वाले.. बहुत सारे लोग जमा थे.. मेले में हंस खेल रहे थे.. उसे ये सब अच्छा नहीं लग रहा था.. वो बाहर जाना चाहता था.. पर मेट्रो का दरवाजा खुलता नहीं था.. सिर्फ स्टेशन आने पर ही खुलता था ये.. वो मेट्रो में फंस चुका था..
उसने पीछे वाली जेब से पर्स निकाला.. अन्दर पैसे नहीं थे.. बस एक कंडोम का पैकेट था.. जो यूज नहीं किया गया था.. उसने देखा बाहर सबके हाथ में ऐसा ही एक पैकेट था.. किसी ने भी इस्तेमाल नहीं किया था.. बाहर भीड़ और बढ़ने लगी थी.. सब पैकेट लेकर घूम रहे थे.. उसने जेब में हाथ डालकर तलवार निकाल ली.. वो उन सब लोगो को काट डालना चाहता था.. जिसने पैकेट खोला भी नहीं था.. पर अगर वो ऐसा करता तो उसे खुद को भी मारना पड़ता.. यही सोच के उसने तलवार जमीन में घुसा दी.. और पास वाली गली में मुड गया..
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वो तेजी से बाहर निकला.. हीरो उसके पीछे पीछे भाग रहा था.. उसने ट्रैफिक सिग्नल उखाड़ कर पीछे फैंका.. पर हीरो को खरोंच तक नहीं आई.. वो तेजी से भाग रहा था.. उसने देखा कुछ लोग बन्दूक लेकर स्टेशन पर लोगो को मार रहे है.. उसने उनके हाथ से बन्दूक छीन कर हीरो पर अंधाधुंध गोलिया चलायी.. पर हीरो को कुछ नहीं हुआ.. वो बन्दूक वही फेंक कर भागा.. उसने जेब से मोबाइल निकाला पर जैसे ही उसने कॉल बटन दबाया.. मोबाइल से खून का फव्वारा छूट पड़ा.. उसने हाथ से झटका पर मोबाइल नहीं गिरा.. वो और तेज़ भाग रहा था.. मोबाइल से लगातार खून बहता जा रहा था.. हीरो अब भी उसके पीछे था.. उसे सामने डस्ट बिन दिखाई दिया.. वो उसमे छुप जाना चाहता था.. पर अफ़सोस डस्ट बिन खाली पड़ा था.. हीरो उसके और करीब आ चुका था..
वो आगे जाकर मेडिकल की दुकान पर रुका.. उसने वहा से साढे सताईस हज़ार की दवाईया खरीदी.. वो उन्हें लेना चाहता था.. पर उसे कही पानी नहीं मिल रहा था.. सब तरफ कोल्ड ड्रिंक मिल रही थी.. उसने कोल्ड ड्रिंक की बोतल खरीदी और सारी दवाईया ले ली.. फिर भी हीरो उसके पीछे ही लगा था.. हीरो ने सड़क पर पड़े कचरे में से पोलीथिन बैग्स उठा लिए.. हीरो बिलकुल उसके करीब आ चुका था..
उसने देखा आसमान में हवाई जहाज उड़ रहा था.. वो उचक कर हवाई जहाज को पकड़ कर भाग जाना चाहता था.. जैसे ही वो हवा में उछला.. हीरो ने पीछे से उसका कोलर पकड़ लिया.. वो पूरी तरह से हीरो की गिरफ्त में आ चुका था.. हीरो ने पोलीथिन से उसका मुंह बाँध दिया.. उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी.. वो सांस लेने की कोशिश कर रहा था पर हीरो ने पोलीथिन से उसका मुंह और जोर से दबा दिया था.. उसकी आँखों के आगे अँधेरा आ चुका था.. वो हवा में उड़ते हुए किसी पेड़ के पास जाकर ऑक्सीजन लेना चाहता था.. पर उसे कही पेड़ नज़र नहीं आ रहा था.. उसने जोर से मुंह से सांस खिंची पोलीथिन उसके नाक पर चिपकी और बस... ये उसकी आखिरी साँस थी .. हीरो ने उसको नीचे फेंक दिया.. ठीक जेब्रा क्रोसिंग के ऊपर.. पास में एक अखबार पड़ा था जिस पर खोया पाया का विज्ञापन था.. सड़क के दूसरी तरफ खडी कार में बारिश बंद हो चुकी थी.. कंडोम के कुछ खाली पैकेट्स सड़क पर पड़े थे.. लोग सड़क पार करके मेट्रो की तरफ जा रहे थे.. पर इन सबसे बेखबर... हलकट दुनिया में सड़क पर एक लाश पड़ी थी..