लेट सोए थे तो सुबह आँख खुली 10 बजे, नहा धो के रेडी हुए की मैडम का फोन आ गया.. हम उस से मिलने चले गये.. बर्थडे विश किया उसने. और बोली की मेरे फ्रेंड्स भी पार्टी चाहते है(मेरे आज तक समझ में नही आया की साले लोग दूसरो के बॉय फ्रेंड से पार्टी क्यू लेते है) वैसे तो जेब में 70 रुपये ही थे.. पर मन में आस हो तो फिर क्या बात.. उपर से उसे कैसे कह दे की पैसे नही है.. तो उसको बोला की ठीक है.. आ जाओ
उसने कहा की 1 बजे तक वो अपने फ्रेंड्स को लेकर आ जाएगी और मुझे कॉल करेगी ..ऐसे मौको पर ओम का जाप बढ़ा काम आता है.. मेरे भी आया मेरा फ्रेंड मिल गया रास्ते में, वो अपने मामा के यहा से बोनी करके आ रहा था..

मैं चुपचाप बाइक उठाकर जाने लगा 700 रूपये मुझे अलविदा कह रहे थे.. या फिर शायद मेरी किस्मत पर हंस रहे थे.. अब सारी लाज जेब में पड़े 70 रुपयो को बचानी थी.. वो आगे आगे मैं पीछे पीछे इतने में हमारे पड़ोस में रहने वाले भैया मिल गये.. बोले मुझे आगे तक छोड़ दे.. अब जब किस्मत रूठी हो तो ऐसा होना आम बात है, काहे के भैया साले मेरी गाड़ी पे बैठ कर आगे जा रही मेरी ही गर्ल फ्रेंड पे लाइन मार रहे थे. मुझे बोलते है की इसको कही देखा है.. मुझे गुस्सा आ रहा था.. क्योंकि हम दोनो बात नही कर पा रहे थे.. मैने सोचा उसे पहले बता दूँगा.. लेकिन बात हुई नही.. खैर उन भैया से पीछा छूटा तो मैने एक कॉफी शॉप पे बाइक रोकी वो भी आ गयी.. और अकेली नही आई साथ में खुशख़बरी भी लाई की उसके दोस्त नही आ रहे है.. हमारा दिल गार्डेन गार्डेन हो गया.. वहा कॉफी 20 रुपये की थी.. और 20 के कोई स्नॅक्स ले लो फिर भी हम अमीर के अमीर.. लेकिन हाय री फूटी किस्मत हमारी.. दीवाली का नेक्स्ट दे था सो कॉफी शॉप बंद!
ले देके एक ऐसा रेस्टोरेंट खुला मिला जिसमे जाने की इज़ाज़त मेरी जेब नही दे रही थी.. वो आगे थी और मेरे पैरो को ज़मीन ने पकड़ लिया.. लेकिन भारी चूमबक से जैसे लोहे को छुड़ाते है वैसे अपने पैरो को छुड़ाकर अंदर गया..

फाइनली उसने दो आइस क्रीम का ऑर्डर दिया.. एक आइस क्रीम ही 50 की थी.. मेरी उंगलियो ने हिसाब लगाया.. दो के 100 और जेब में सत्तर.. अब तेरा क्या होगा रे कालिया ..शोले फिल्म का ये कालजयी डायलॉग वहा पर सच साबित हो रहा था...
वेटर की टिप तो भूल ही गया था... थोड़ी देर बाद आइस क्रीम आ गयी.. मैने पूछा कुछ और लोगी.. उसने मना कर दिया... थोड़ी राहत मिली.. जैसे जैसे आइस क्रीम ख़तम हो रही थी.. साँसे और तेज़ होने लगी.. मैने मन में फिर ओम जपा और हिम्मत करके उसको बोल ही दिया.. की मेरे पास पैसे कम पड़ गये.. और ज़रा बहाना तो देखिए.. 600 रुपए वाले फ्रेंड का नाम लेकर कहा की उसे कुछ रुपए चाहिए थे वो अपनी गर्ल फ्रेंड को कही ले जा रहा था. तो सारे रुपए उसको दे दिए अभी सिर्फ़ 70 रुपए है..
अबकी बार झटका खाने की बारी उसकी थी.. क्योंकि उसके पास भी पैसे नही थे..उस्के हाथ में पकड़ी आइस क्रीम अचानक पूरी पिघल गयी.. उसने कहा पहले क्यो नही बोला.. मैं क्या बोलता.. अब दोनो आइस क्रीम ख़त्म हो चुकी थी.. मैने उस से कहा की तुम बाहर जाओ और वहा जाकर मुझे भी आवाज़ दे देना मैं आऊंगा और भाग जाएँगे... लेकिन उसने मना कर दिया.. वो बोली की मैं बात कर लेती हू.. और कोई चारा नही था..
इतने में सामने से वेटर हाथ में बिल लेकर आ रहा था.. मैने खुद को दो रस्सियो के बीच बँधा पाया और वेटर के हाथ में बिल की जगह खंजर नज़र आ रहा था.. मेरी शायद हलाल होने की बारी थी... वो बिल देके थॅंक यू बोलके चला गया.. अब हम दोनो बैठ गये .. किसी में इतनी हिम्मत नही की खोल के देखे.. खैर मैने बिल खोला .. और मुझे सारे देवी देवता साक्षात सामने नज़र आने लगे.. इस बार भगवान में और विश्वास हो गया था.. पिछले जन्मो के किए अच्छे काम यहा काम आ गये.. उसने मेरी तरफ देखा और पूछा क्या हुआ... मैने उसे बिल दिखाया.. जिसपे लिखा था... दीवाली ऑफर 50% ऑफ ऑन एवरी बिल !!