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छू लेते है लब तेरी आँख का पानी
जब शर्म से इनमे नमी आ जाती है
थाम लेते है कलाई बड़े यकीन के साथ
जब उमीदो की थोड़ी कमी आ जाती है
तुम जो साथ हो तो ज़िंदगी जन्नत है
वरना अक्सर इसमेें गमी आ जाती है
तमन्ना है पनाह मिल जाए तेरे क़दमो में
मगर वहा भी बेरहम ज़मी आ जाती है
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वो बात कह ही दी जानी चाहिए कि जिसका कहा जाना मुकरर्र है..